कोडरमा (शहर परिक्रमा)

कोडरमा: डीएवी पब्लिक स्कूल में पेरेंट्स ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन


शनिवार 6 जुलाई को डीएवी पब्लिक स्कूल झुमरी तिलैया, कोडरमा में एलकेजी से दूसरी कक्षा के अभिभावकों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन हुआ। सर्वप्रथम प्राचार्य एवं अभिभावकों ने डीएवी वैदिक परंपरानुसार हवन कर वातावरण एवं अपने बच्चों के सर्वांगीण विकास की कामना की। कार्यक्रम का शुभारंभ अभिभावकों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। मौके पर प्राचार्य ने ओरिएंटेशन प्रोग्राम के तहत न्यू एजुकेशन पॉलिसी में आने वाले मुख्य बिंदुओं से अभिभावकों को अवगत कराया। बच्चों को विभिन्न क्रियाकलापों द्वारा उनके सर्वांगीण विकास के लिए उन्हें इस काबिल बनाएं कि उनके अंदर की छिपी हुई प्रतिभा स्वत: बाहर निकल सके। उनके बस्ते का बोझ कम करें एवं उनके साथ सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं। आप अपने बच्चों का अच्छा दोस्त बनें।उनकी भावनाओं को समझें एवं उनकी असफलता पर उन्हें दोषी ठहराने के बजाय उनकी कमजोरियों को दूर करने में साथ दें। ओरिएंटेशन प्रोग्राम के तहत शिक्षकों ने अभिभावकों से कहा कि आप छोटे-छोटे बच्चों को तनावपूर्ण वातावरण से दूर रहकर खेल विधि द्वारा सीखने का मौका दें। बच्चे खेल-खेल के द्वारा बहुत कुछ सीख जाते हैं । उन्हें स्वतंत्र दिमाग से अपनी अभिरुचि के अनुसार पढ़ने के लिए कहें। कार्यक्रम का संचालन संध्या कुमारी ने किया अंत में कार्यक्रम का समापन विद्यालय की सुपरवाइजरी हेड मौसुमी मल्लिक के धन्यवाद ज्ञापन द्वारा हुआ।

तीसरी से 12वीं कक्षा के बच्चों के बीच शिक्षक अभिभावक संगोष्ठी आयोजित हुई। इस संगोष्ठी में अभिभावकों ने शिक्षकों के समक्ष अपने बच्चों की पढ़ाई- लिखाई एवं अन्य प्रकार की समस्याओं को रखा। शिक्षकों ने अभिभावकों से अनुरोध किया कि आप अपने बच्चों को पढ़ाई लिखाई के प्रति प्रोत्साहित करें। आप अपने घरों में ज्यादा से ज्यादा समय बच्चों के साथ बिताएं।उनकी दिनचर्या पर अवश्य ध्यान दें। उन्हें जहां तक हो सके मोबाइल से दूर रखें। उनके साथ सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं। प्राचार्य महोदय ने कहा कि शिक्षक अभिभावक संगोष्ठी एक सकारात्मक दृष्टिकोण को आयाम देती है। यह शिक्षक छात्र एवं अभिभावकों के बीच अपनी अपनी समस्याओं को रखने का सशक्त माध्यम होता है। इससे अनेकानेक समस्याओं का समाधान होता है। आधुनिक युग प्रतिस्पर्धा का युग है। इस युग में बच्चों का सर्वांगीण विकास अत्यंत आवश्यक है। बच्चे अभिभावकों एवं शिक्षकों के सहयोग से सफलता के शिखर पर पहुंच सकेंगे।