माउंटेन मैन दशरथ मांझी की पुण्यतिथि आज
आज अपने वतन के माउंटेन मैन के नाम से प्रसिद्ध दशरथ मांझी की पुण्यतिथि है। आज ही के दिन 17 अगस्त, 2007 को उनकी मृत्यु हुई थी।
दशरथ मांझी बिहार में गया के करीब गहलौर गाँव के एक गरीब मजदूर थे। केवल एक हथौड़ा और छेनी लेकर दशरथ मांझी ने अकेले ही 360 फुट लंबी 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊँचे पहाड़ को काट के एक सड़क बना डाली। 22 वर्षों कठिन परिश्रम के बाद उनकी बनायी सड़क ने अतरी और वजीरगंज ब्लाक की दूरी को 55 कि.मी. से घटाकर 15 कि.मी. कर दिया। उन्हें आज हर कोई जानता है। कुछ समय पहले आई फिल्म ‘मांझी’ के द्वारा हर कोई उनके जीवन को करीब से जान पाया है। बिहार के छोटे से गाँव गहलौर के रहने वाले दशरथ मांझी ने ऐसा आश्चर्यजनक कार्य कर दिखाया था, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था।
उनका जन्म 14 जनवरी सन 1934 को बिहार के गहलौर नामक स्थान पर हुआ था। अपने पति के लिए खाना ले जाते समय उनकी पत्नी फाल्गुनी पहाड़ के दर्रे में गिर गयी और उनका निधन हो गया। अगर फाल्गुनी देवी को अस्पताल ले जाया गया होता तो शायद वो बच जाती, यह बात उनके मन में बस गई। इसके बाद उन्होंने संकल्प लिया कि वह अकेले अपने दम पर वे पहाड़ के बीचों बीच से रास्ता निकालेगे। फिर गेहलौर की पहाड़ियों से रास्ता बनाना शुरू किया। उनका कहना था कि- “जब मैंने पहाड़ी तोड़ना शुरू किया तो लोगों ने मुझे पागल कहा, लेकिन इस बात ने मेरे निश्चय को और भी मजबूत किया।” उनके प्रयत्न का सकारात्मक नतीजा निकला। केवल एक हथौड़ा और छेनी लेकर उन्होंने अकेले ही ऊँचे पहाड़ को काट के एक सड़क बना डाली। इस सड़क ने गया के अत्रि और वज़ीरगंज सेक्टर्स की दूरी को 55 कि.मी. से 15 कि.मी. कर दी ताकि गांव के लोगों को आने जाने में तकलीफ ना हों। आख़िरकार 1982 में 22 वर्षों की मेहनत के बाद दशरथ मांझी ने अपने कार्य को पूरा किया। उनकी इस उपलब्धि के लिए बिहार सरकार ने सामाजिक सेवा के क्षेत्र में 2006 में ‘पद्म श्री’ हेतु उनके नाम का प्रस्ताव भी रखा। फिल्म प्रभाग ने दशरथ मांझी पर एक वृत्तचित्र फिल्म “द मैन हु मूव्ड द माउंटेन” का भी 2012 में निर्माँ किया। कुमुद रंजन इस वृत्तचित्र के निर्देशक थे। जुलाई 2012 में निदेशक केतन मेहता ने दशरथ माँझी के जीवन पर आधारित फिल्म ‘मांझी: द माउंटेन मैन’ बनाने की घोषणा की। अपनी मृत्युशय्या पर दशरथ मांझी ने अपने जीवन पर एक फिल्म बनाने के लिए “विशेष अधिकार” दे दिया। 21 अगस्त 2015 को फिल्म को रिलीज़ किया गया। नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने दशरथ मांझी की और राधिका आप्टे ने फाल्गुनी देवी की भूमिका निभाई। दशरथ मांझी के कामों को एक कन्नड़ फिल्म “ओलवे मंदार” में जयतीर्थ द्वारा दिखाया गया है।