कोडरमा (शहर परिक्रमा)

कोडरमा: डीएवी में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम


डीएवी कोडरमा की प्रातः कालीन सभा में जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बॉंसुरी की मधुर धुन पर नन्हें कान्हा, नन्हीं राधा और नन्हीं- नन्हीं गोपियों ने मनमोहक नृत्य किया। माथे पर मोर पंख ,हाथ में बॉंसुरी, कमर में करधनी और पीले वस्त्र पहने नन्हें दर्शित, दक्ष हर्षित ,निहाल बड़े प्यारे नज़र आ रहे थे तो वही सुंदर लहंगे पहनी और हाथों में लाल चूड़ियॉं पहनी हुईं राशिका, मायरा, एलिजा और अर्शिया सभी के मन को भा रहीं थी। आकृति और सभ्यता के समूह ने ‘मैया यशोदा यह तेरा कन्हैया’गाने पर नृत्य कर सभी का मन मोह लिया। ‘मीठे रस भरी राधा रानी लागे’गाने पर अभया और उनके समूह ने नृत्य कर पूरे वातावरण को भक्तिमय कर दिया। ‘अधरम मधुरम’ पर एकल नृत्य कर अनन्या गुप्ता ने सभी को भाव विभोर कर दिया। कृष्ण लीला पर कविता कक्षा सातवीं की छात्रा आराध्या ने गाया। कृष्ण जन्मोत्सव का सुंदर गीत नायसा निर्मल और पलक ने गाया। मंच संचालन अमीषा सिंह ने किया।

इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।यह पर्व पूर्ण आस्था एवं श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। भगवान कृष्ण को कोमलता, धैर्य, करुणा और प्रेम का प्रतीक माना जाता है।महाभारत में कुरुक्षेत्र युद्ध के दौरान अर्जुन के सारथी के रूप में भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। वे नीति के ज्ञाता थे। हमें भी कृष्ण की तरह धर्म और नीति के मार्ग पर चलना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूरे विद्यालय परिवार की सराहना की।