सैनिक स्कूल के प्राचार्य ने डीएवी कोडरमा के शिक्षकों को किया गौरवान्वित
डीएवी पब्लिक स्कूल झुमरी तिलैया ,कोडरमा में भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के शुभावसर पर शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में सैनिक स्कूल तिलैया के प्राचार्य कर्नल एस मोहन राव आर शिक्षक दिवस समारोह में उपस्थित थे।
मौके पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने पुष्प गुच्छ प्रदान कर उनका स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की वैदिक परंपरानुसार मंत्रोच्चारण कर दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। तत्पश्चात मुख्य अतिथि, प्राचार्य एवं शिक्षक शिक्षिकाओं ने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया। इस अवसर पर बच्चों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। वंशिका एण्ड ग्रुप ने शिक्षकों के सम्मान में गुरु वंदना नृत्य प्रस्तुत किया। विभिन्न प्रांतो की कला एवं संस्कृति को दर्शाते हुए नैंसी, अनन्या ग्रुप ने पंजाबी नृत्य, समृद्धि ग्रुप ने मेघालय, उजेशा मंडल ग्रुप ने तमिल, साक्षी, सुप्रिया ग्रुप ने बंगाली नृत्य प्रस्तुत कर समा बांध दिया। दसवीं कक्षा की समृद्धि ने शिक्षक ईश्वर का प्रतिरूप होते हैं इस पर सुंदर कविता प्रस्तुत की। आभ्या श्री ने शिक्षक हमारे आदर्श होते हैं इस पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए वक्तव्य दिया। सृष्टि, विद्या, उत्कर्ष, पृथ्वी, राजवीर, आदित्या, आयुष ने नाटक प्रस्तुत करते हुए दिखाया कि शिक्षक हमारे पथ प्रदर्शक होते हैं। हमें हमेशा उनका सम्मान करना चाहिए।
प्राचार्य ने सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में शिक्षक दिवस पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन महान शिक्षाविद एवं दार्शनिक थे। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई थी। प्राचार्य महोदय ने मुख्य अतिथि के प्रति आभार करते हुए कहा कि आज हमारा विद्यालय प्रांगण आपके आगमन से पुष्पित एवं पल्लवित हो उठा। आपका मार्गदर्शन हम सभी शिक्षकों के लिए प्रेरणा स्रोत रहेगा।शिक्षक समाज का आईना होते हैं। वह मोमबत्ती की तरह स्वयं जलकर लोगों को ज्ञान रूपी लौ से प्रकाशित करते हैं। भारतीय संस्कृति में शिक्षक को भगवान का दर्जा दिया गया है। शिक्षक दिवस गुरु और शिष्य के बीच मधुर संबंधों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का शुभ दिन है। हमें एक आदर्श शिक्षक बनकर विद्यार्थियों को अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की तरफ ले जाने में सतत प्रयास करना चाहिए। आज का दिन शिक्षकों को सम्मान देने का ही नहीं है बल्कि उनके योगदानों को भी याद करने का है। शिक्षक बच्चों को केवल पुस्तकीय ज्ञान ही नहीं देते बल्कि उनके चरित्र को सुदृढ़ एवं सशक्त बनाते हैं।
मुख्य अतिथि महोदय ने सभी शिक्षकों एवं बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। हमें उनके पद चिह्नो पर चलकर एक आदर्श शिक्षक की भूमिका निभानी चाहिए। शिक्षक बच्चों को जीवन की वास्तविकताओं से परिचित कराते हैं। बच्चों को जीवन में शिक्षक का महत्व समझना चाहिए ।शिक्षक और वक्त दोनों बच्चों को तब याद आते हैं जब वे अपने जीवन से बहुत दूर निकलकर अपनी असफलता पर पश्चाताप करते हैं। जो छात्र गुरु एवं उनकी शिक्षा का अनादर करते हैं वक्त उन्हें अच्छी तरह सिखला देता है। हमें गुरु का सदा सम्मान करना चाहिए। शिक्षक बच्चों को नैतिकता, अनुशासन, मेहनत, ईमानदारी एवं सदाचार की शिक्षा के साथ-साथ सन्मार्ग पर चलने की भी प्रेरणा देते हैं। शिक्षक समाज के स्तंभ होते हैं।एक शिक्षक को भी छात्र के प्रति अपने दायित्वों का गुरु शिष्य परंपरानुसार निर्वहन करना चाहिए। मुख्य अतिथि महोदय ने सभी शिक्षकों को विद्यालय की तरफ से उपहार प्रदान किया। मंच संचालन कौशांवी एवं अर्पिता ने किया । अंत में प्राचार्य ने मुख्य अतिथि को विद्यालय का स्मृति चिह्न प्रदान कर स्वागत किया। विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक कुमार सतीश सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।