जनप्रतिनिधियों के झूठे आश्वासन से परेशान ग्रामीणों ने लगाया “पुल नहीं तो वोट नहीं” का नारा
दुमका (जामा): झारखण्ड राज्य निर्माण के दो दशक के बाद भी लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पायी है ऐसा उदाहरण जामा प्रखंड के धनाडीह, खिल, पंचरुखी, सिमरा, पियरशाला, दुबरी कदेली, बसबुटिया आदि कई गांवों के ग्रामीणों ने प्रखंड क्षेत्र के सिमरा पंचायत के धनाडीह एवं सेजाकोड़ा गांव के बीच लाठिया जोरिया नदी पर वर्षों से पुल निर्माण की मांग की जा रही है। मामले को पूर्व विधायक एवं सांसद से बार बार गुहार लगाने के बाद भी पुल निर्माण की स्वीकृति नहीं मिल रही है, जिससे नाराज दर्जनों ग्रामीणों ने रविवार को लठिया जोरिया नदी किनारे विरोध प्रदर्शन करते हुए पुल नहीं तो वोट नहीं का नारा लगाया। बताते चले कि जामा प्रखंड के धानाडीह एवं सेजाकोड़ा गांव के बीच लाठिया जोरिया नदी पर पुल निर्माण के लिए ग्रामीणों ने कई आवेदन प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालय के साथ विधायक एवं सांसद को दिया है परंतु अभी तक किसी ने भी पुल निर्माण के दिशा में कोई सार्थक प्रयास नहीं किया। जिससे आस-पास के किसान, ग्रामीण, छात्र छात्राएं एवं व्यापारी वर्ग नाराज हैं। आमजनों का कहना है कि नदी पर पुल नहीं होने से बारिश के मौसम में आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बताया कि प्लस टू हाई स्कूल जामा की दूरी ग्राम धनाडीह से मात्र एक किलोमीटर है, लेकिन बरसात के दिनों में इन गावों से स्कूल जाने वाले विधार्थियों को लगभग 10 किलोमीटर दूर बने बेलकूपी पुल से होकर गुजरना पड़ता है। जनप्रतिनिधियों के झूठे आश्वासन से परेशान ग्रामीणों ने आज बैठक कर पुल नहीं तो वोट नहीं का निर्णय लिया है। ग्रामीण आगामी विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार करने का विचार कर रहे हैं।
इस मौके पर वार्ड सदस्य धनंजय प्रसाद, प्रफुल्ल मांझी, भदेश्वर कुंवर, छवि कुंवर, विजय राणा, प्रकाश कुमार, महाभारत दर्वे, राजेश किस्कू, रविन्द्र दर्वे, नरेश कुमार, सहदेव लायक आदि दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।
संवाददाता: बीरबल कुमार दर्वे