01अक्टूबर: अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी दिवस
इथियोपिया के एक बकरी चरवाहे काल्दी ने विश्व में सबसे पहले कॉफ़ी बीन्स की खोज की थी
अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी दिवस प्रत्येक वर्ष 1 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य उन सभी लोगों के प्रति आदर सम्मान व्यक्त करना है जो खेत से दुकान तक कॉफ़ी को पहुंचाने हेतु बहुत ही कड़ी मेहनत करते हैं। आमतौर पर कॉफ़ी का सेवन सभी लोगों को पसंद होता है। कॉफ़ी का सेवन स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। सीमित मात्रा में कॉफ़ी का सेवन करने से कई तरहों की बीमारियों से बचा जा सकता है।
अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी संगठन ने साल 2015 में इटली के मिलान में पहला विश्व कॉफ़ी दिवस आयोजित किया था। साल 2014 में अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी संगठन ने 1 अक्टूबर को प्रत्येक साल अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी दिवस मनाने का फैसला किया था। यह दिन विश्वभर में कॉफ़ी किसानों के मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने हेतु भी मनाया जाता है।
इथियोपिया के एक बकरी चरवाहे काल्दी ने विश्व में सबसे पहले कॉफ़ी बीन्स की खोज की थी। अन्तरराष्ट्रीय रिपोर्टों के अनुसार, कॉफ़ी तेल के बाद दुनिया में दूसरा सबसे अधिक कारोबार किया जाने वाला उपयोगी वस्तु है। भारत विश्व का 6वां सबसे बड़ा कॉफ़ी उत्पादक देश है जो विश्व की कुल 4 प्रतिशत कॉफ़ी का उत्पादन करता है। यहाँ कॉफ़ी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य कर्नाटक, केरल तथा तमिलनाडु क्रमशः हैं। अपने देश में रोबस्टा कॉफ़ी तथा अरेबिका कॉफ़ी का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है। यहाँ की कॉफ़ी विश्वभर की सबसे अच्छी गुणवत्ता की कॉफ़ी मानी जाती है, क्योंकि इसे भारत में छाया में उगाया जाता है, इसके बजाय विश्वभर के अन्य जगहों पर कॉफ़ी को सीधे सूर्य के प्रकाश में उगाया जाता है।