कोडरमा (शहर परिक्रमा)

डीएवी कोडरमा में मनी भगवान बिरसा मुंडा एवं नारायण दास ग्रोवर की जयंती


कोडरमा: डीएवी पब्लिक स्कूल, झुमरी तिलैया में भगवान बिरसा मुंडा एवं झारखंड ,बिहार, बंगाल, ओडिशा एवं उत्तर प्रदेश में डीएवी को पुष्पित एवं पल्लवित करने वाले महान शिक्षाविद नारायण दास ग्रोवर की जयंती मनाई गई। मौके पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह एवं सभी शिक्षक- शिक्षिकाओं ने दोनों महापुरुषों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

इस अवसर पर विशेष हवन का आयोजन किया गया जिसमें पूरा विद्यालय परिवार शामिल हुआ। भगवान बिरसा मुंडा और नारायण दास ग्रोवर के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर पोर्टेट बनाओ प्रतियोगिता भी करवाया गया जिसमें विद्यालय के सभी छात्रों ने भाग लिया। विद्यालय के छात्रों में प्रत्यूष शुक्ला, वर्तिका शुक्ला, सतीश यादव, आराध्या कुमारी, खुशी तिवारी, निशांत कुमार, पृथ्वी राज, श्रेयांश मिश्रा, संजना कुमारी, शांभवी सिंह, आयुषी प्रजापति, संस्कृति सिंह, सभ्यता सिंह, सोनम कुमारी यीशु कुमारी आकृति सिंह यशिका शेखर ने अंग्रेजी एवं हिंदी में भगवान बिरसा मुंडा और नारायण दास ग्रोवर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए निबंध लिखा। बिरसा मुंडा एवं नारायण दास ग्रोवर पर अंग्रेजी एवं हिंदी में वक्तव्य अन्वी भदानी और सभ्यता सिंह ने दिया।


प्राचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि बिरसा मुंडा का संघर्ष अंग्रेजों के लिए एक बड़ी चुनौती थी। उन्होंने अपने अनुयायियों कोआत्मनिर्भरता,साहस ,स्वतंत्रता ,सत्य, अहिंसा और धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में उनके अभूतपूर्ण योगदान को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता है।
प्राचार्य महोदय ने महात्मा नारायण दास ग्रोवर के जन्मदिन के उपलक्ष्य में सभी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा नारायण दास ग्रोवर एक महान शिक्षाविद थे, युग द्रष्टा आदर्श पुरुष थे।उन्होंने अपना पूरा जीवन डीएवी पब्लिक स्कूलों के विकास एवं उसके उत्थान में लगा दिया।उन्होंने पुरवोत्तर ज़ोन के समस्त राज्यों में डीएवी स्कूलों की नींव रखी जो आज पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की अलखजगा रहे हैं । वे एक अद्वितीय व्यक्तित्व, एक भविष्यदर्शी, एक प्रेरक, एक महान समाज सुधारक थे, जो हमेशा अभियान की भावना से प्रेरित थे,शीर्ष-स्तरीय शैक्षणिक संस्थानों के एक वास्तविक ‘निर्माता’ थे। एनडी ग्रोवर अपने आप में एक संस्था थे। एक कमज़ोर शरीर में छिपी एक अदम्य भावना, असीम ऊर्जा से भरपूर एक व्यक्तित्व, जिसके साथ उन्होंने इस क्षेत्र में भयावह बाधाओं के बावजूद डीएवी पब्लिक स्कूलों की शानदार नींव रखी, उन्हें उन अपूरणीय आत्माओं की श्रेणी में रखता है जो अपने मिशन के लिए जीते हैं और सांस लेते हैं। एक व्यक्ति की सेना के रूप में शैक्षिक परिदृश्य और शैक्षिक नियति को बदल दिया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी शिक्षकों का योगदान रहा ।

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