10वीं राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर अंतर्विभागीय उन्मुखीकरण सह कार्यशाला का आयोजन
दसवीं राष्ट्रीय डेंगू दिवस 16 मई 2025 के अवसर पर सिविल सर्जन देवघर डॉ. जुगल किशोर चौधरी की अगुवाई में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी देवघर डॉ. प्रमोद कुमार शर्मा तथा जिला भीबीडी पदाधिकारी देवघर डॉ अभय कुमार यादव की संयुक्त अध्यक्षता डेंगू पर एक दिवसीय जिला स्तरीय अंतर्विभागीय उन्मुखीकरण सह कार्यशाला का आयोजन टीबी अस्पताल के सभागार, देवघर में दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया गया। इस मौके पर जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ मनोज गुप्ता, जिला भीबीडी सलाहकार डॉ गणेश कुमार यादव, एम्स, देवघर से सहायक प्रोफेसर, सीएफएम के डॉ विजित विश्वास, शिक्षा विभाग से मधु कुमारी, एएनएम प्रशिक्षण स्कूल की प्रभारी प्रार्चाया कुमारी सुलोचना, पीएचडी विभाग से एईडीडब्लूएंड एसडी नीलम कुमार, जेएसएलपीएस से आलोक कुमार सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी, प्रतिनिधियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया।

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी देवघर डॉ. प्रमोद कुमार शर्मा ने बताया कि मानसून के दौरान एवं मानसून के पश्चात डेंगू के प्रसरण की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है जिसका मुख्य कारण होता है डेंगू से बचाव संबंधी उपायों के प्रति जन समुदाय में अनभिज्ञता। क्योंकि डेंगू और चिकनगुनियां विषाणु जनित रोग है जो संक्रमित मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है इस रोग के लिए किसी प्रकार का टीका या दवा आज तक उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में डेंगू से बचाव हेतु जन जागरूकता एवं मच्छरों के प्रजनन को नष्ट करना ही एक महत्वपूर्ण उपाय है। जो स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों एवं जन समुदायों को इस वर्ष के राष्ट्रीय डेंगू दिवस की थीम “देखें, साफ करें, ढकें: डेंगू को हराने के उपाय करें।” (चेक, क्लीन, कवर: स्टेप्स टू डिफीट डेंगू) के अनुसार जनजागरूकता आदि कार्य पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। जिससे डेंगू के रोगियों की संख्या को कम करने हेतु सार्थक प्रयास किए जा सके।
जिला भीबीडी पदाधिकारी डॉ अभय कुमार यादव ने बताया कि प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य डेंगू के खतरे एवं डेंगू से बचाव तथा नियंत्रण संबंधी विभिन्न उपायों और तरीकों से जन समुदाय को अवगत कराना तथा उनके व्यवहार में परिवर्तन पर विशेष बल दिया जाना है। इसका मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों के लोगों में इसके प्रति जागरूकता लाना और यहां पर डेंगू के प्रसरण को कम करना है। क्योंकि डेंगू मुख्यतः एक शहरी बीमारी है।
अतः इसके नियंत्रण हेतु सबसे ज्यादा ध्यान शहरी एवं अर्द्धशहरी क्षेत्रों में दिया जाना आवश्यक है। देवघर जिला के डेंगू रोगियों के आंकड़ों पर गौर करें तो यह दिनोंदिन बढ़ते क्रम में दर्ज किया जा रहा है। इसका मुख्य कारण स्थानीय लोग, जो रोजगार या अध्ययन के लिए बाहर बड़े महानगरों, राज्य एवं जिला आदि में रहने के दौरान संक्रमित होकर अपने घर में वापस आते हैं, जिसके कारण जिले में इसकी संख्या में सालों-साल वृद्धि दर्ज की जा रही है। इसके नियंत्रणार्थ जन भागीदारी अतिआवश्यक है।
पिछ्ले बर्ष 2023 की तुलना में इस बर्ष 2024 में डेंगू व चिकुनगुनिया के मरीजो की संख्या में कमी देखी गई है। देवघर जिला के कुल 880 संभावित रोगियों में से डेंगू के कुल 97 तथा चिकनगुनिया के 21 धनात्मक पाए गये थे। वही अन्य जिला एवं राज्य के कुल 135 संभावित रोगियों में से डेंगू के कुल 10 तथा चिकनगुनिया के 04 धनात्मक पाए गये थे।
आगे जिला भीबीडी सलाहकार डॉ गणेश कुमार यादव ने बताया कि इस वर्ष दसवां राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाना है जिसका थीम – “देखें, साफ करें, ढकें: डेंगू को हराने के उपाय करें।” (चेक, क्लीन, कवर: स्टेप्स टू डिफीट डेंगू) है। इसके लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर गोष्टी का आयोजन, रैली एवं प्रभात फेरी निकाला गया, विद्यालय जागरूकता कार्यक्रम के तहत बच्चों को जागरूक किया जा रहा है, प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया द्वारा जन जागरूकता करना तथा आईपीसी के तहत् घर-घर भ्रमण कर डेंगू रोग से बचाव संबंधी जन जागरूकता एवं प्रचार प्रसार जैसे क्रियाकलापों को किया जा रहा है। आगे इनके द्वारा डेंगू फैलाने वाले मच्छरों को पहचान कर नष्ट करने, डेंगू फैलाने के तरीके और इससे बचाव तथा रोकथाम, जांच व इलाज करने के साथ विभिन्न विभागों के दायित्वों और उनकी भूमिका के बारे में विस्तार पूर्वक पीपीटी के माध्यम से बताया गया। डॉ मनोज गुप्ता जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी ने भी जन जागरूकता करने पर विशेष बल दिया। एम्स के डॉ विजित विश्वास ने रोगों के प्रकार तथा इस संबंध विभिन्न जानकारियां को साझा करते हुए बैठक में उपस्थित लोगों से सवाल जवाब करते हुए उनके डेंगू के बारे में जागरूकता बढ़ाये। जिला एपिडेमियोलॉजी डॉ मनीष शेखर ने डेंगू के बढ़ने का कारण जलवायु परिवर्तन को बताया तथा यह किस प्रकार इसको प्रभावित करता है इसके बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए विभिन्न विभागों का सहयोग करने हेतु आगे आने को कहा। शिक्षा विभाग, जल संसाधन विभाग तथा जेएसएलपीएस विभाग आदि ने भी अपने-अपने विचार रखते हुए यथासंभव अपना सहयोग देकर इस बीमारी को देवघर जिले से खत्म करने में अपना सहयोग देने के लिए सहमति दी तथा यहां से प्रशिक्षणोंप्रांत अपने-अपने विभागों के अन्य लोगों को इसके बारे में जानकारी देकर सहयोग करेंगे। अंत में शपथ ग्रहण के बाद एएनएम प्रशिक्षण स्कूल की प्रभारी प्रार्चाया श्रीमती कुमारी सुलोचना ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ बैठक को समाप्त किया।
मौके पर एफएलए रवि सिन्हा, डीईओ कांग्रेस मंडल, एमपीडब्ल्यू राकेश कुमार, फाइलेरिया नियंत्रण इकाई के लिपिक परिमल कुमार दास एवं फाइलेरिया के क्षेत्रीय कार्यकर्ता डेगन यादव, चनेश्वर रविदास आदि सहित एएनएम स्कूल की छात्राएं तथा टीबी अस्पताल के श्री संतोष सिंह व अन्य कर्मीगण आदि उपस्थित रहे।