दुमका: राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव के अंतिम सोमवार को बासुकीनाथ के फौजदारी दरबार में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
बासुकीनाथ: राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव के अंतिम सोमवारी को विश्व प्रसिद्ध शिवनगरी बासुकीनाथ के फौजदारी दरबार में देश विदेश से आये श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। अंतिम सोमवार को उमड़ने वाले हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित कर सुगमता पूर्वक जलार्पण कराना जिला प्रशासन के पदाधिकारियों ने एक मिशन के रुप में लिया था जो शत प्रतिशत सफल रहा। अंतिम सोमवार को लेकर मंदिर प्रशासन द्वारा बाबा बासुकीनाथ एवम मंदिर परिसर में स्थित सभी मंदिरों का पट रात्रि लगभग ढाई बजे खोल दिया था। बाबा मंदिर के गर्भगृह की साफ सफाई और प्रतिदिन सम्पन्न होने वाले सरकारी पूजा के संपन्न होने के बाद देर रात से इंतजार कर रहे कांवरिया शिवभक्तो को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अरघा व्यवस्था के माध्यम से जलार्पण कराया गया। हजारों कांवरिया के भीड़ ने दिन भर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कतार बद्ध होकर सुगमता पूर्वक अरघा के माध्यम से जलार्पण किया।
बीते रविवार से ही अंतिम सोमवार को आने वाले हजारों कांवरियों की भीड़ को सुगमता पूर्वक जलार्पण कराने को लेकर दुमका के उपायुक्त ए दोडडे, पुलिस अधीक्षक पीताम्बर सिंह खैरवार, अनुमंडल पदाधिकारी कौशल कुमार, डी एस पी सहित दर्जनों पदाधिकारी बासुकीनाथ में रात भर कैंप कर रहे थे, जो सोमवार को भी जारी रहा। सोमवार को लेकर सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में चप्पे चप्पे पर पुलिसकर्मियों एवम दंडाधिकारियों को नियुक्त किया गया था। देश विदेश से आने वाले देवतुल्य हजारों शिवभक्तों को जलार्पण में कोई असुविधा एवम परेशानी नहीं हो जिला प्रशासन के उच्च पदाधिकारियों द्वारा इसका खास ख्याल रखा जा रहा था। भागलपुर के बरारी गंगा तट से आनेवाले सैकड़ों डाक कांवरियो का खास ख्याल रखा जा रहा था। डाक कांवरियों के बाबा मंदिर में प्रवेश कराने को लेकर उन्हें ख़ास विशेषता एवम सुविधा हेतु पेड़ा गली के पास बने डाक कांवरिया प्रवेश द्वार के माध्यम से बाबा मंदिर में जलार्पण हेतु प्रवेश कराया गया।
कतार में लगकर मंदिर जाने मेंअसमर्थ सैकड़ों कांवरियों ने मंदिर परिसर के बाहर बने आठ जलार्पण काउंटर के माध्यम से अपना कांवर जल बाबा बासुकीनाथ को अर्पित किया। शीघ्रदर्शनम का तीन सौ रुपए का कूपन लेकर वी आई पी सुविधा के तहत सैकड़ों शिवभक्तों ने जलार्पण किया। समाचार प्रेषण तक श्रद्धालुओं का आना निरंतर जारी था। आगंतुक श्रद्धालुओं ने रात्रि दस बजे तक बासुकीनाथ मंदिर में जलार्पण किया।
रिपोर्ट- शोभाराम पंडा Shobharam Panda