हिंदी सिर्फ हमारी भाषा ही नहीं बल्कि भावना भी है: प्रमंडलीय आयुक्त
दुमका: हिंदी दिवस के अवसर पर प्रमंडलीय आयुक्त के सभागार कक्ष में गुरुवार को राजभाषा विभाग द्वारा विचार गोष्ठी सह कवि सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संताल परगना प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त लालचंद डाडेल एवं विशिष्ट अतिथि संताल परगना प्रमंडल के पुलिस उपमहानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल, पुलिस अधीक्षक पितांबर सिंह खेरवार, उप विकास आयुक्त अभिजित सिन्हा ,डॉ खिरोधर प्रसाद यादव, प्राचार्य, सं.प. महाविद्यालय, दुमका, डॉ. विनय कुमार सिन्हा, विभागाध्यक्ष, हिन्दी स्नातकोत्तर विभाग, डॉ प्रमोदिनी हाँसदा, सेवानिवृत प्राचार्या, एस.पी. कॉलेज, दुमका, विनय सौरभ, कवि एवं लेखक उपस्थित थे।
सभी अतिथियों का स्वागत पौधा देकर किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत विधिवत दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर आयुक्त संताल परगना श्री डाडेल ने उपस्थित सभी अतिथियों को हिंदी दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन हमारे लिए बहुत ही खास है, क्योंकि आज के दिन ही 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने हिन्दी को भारत की राजभाषा बनाने का फैसला लिया था। हिन्दी दिवस मनाने का मकसद हिन्दी का प्रचार-प्रसार और दुनिया भर में हिन्दी को बढ़ावा देना तो है ही, साथ ही साथ आज विश्व के अलग-अलग देशों में रह रहे भारतीय लोगों को एक सूत्र में बांधना भी मकसद है। हिन्दी दिवस मनाने का राष्ट्रपति महात्मा गाँधी ने हिन्दी को जनमानस की भाषा कहा है। वह चाहते थे कि हिन्दी को राष्ट्र भाषा बनाया जाय। आज दुनिया की सैंकड़ों विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ाई जाती है और करोड़ों लोग हिन्दी बोलते हैं। एक भाषा के रूप में हिन्दी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि ये हमारे जीवन मूल्यों संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, सम्प्रेषक और परिचायक है। हिन्दी सिर्फ हमारी भाषा ही नहीं, बल्कि भावना भी है। आज हिन्दी भाषा के विकास के लिए यह आवश्यक है।
इस अवसर पर पुलिस उपमहानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल ने उपस्थित सभी लोगों को हिंदी दिवस की बधाई दी। उन्होंने हिंदी भाषा को अपने जीवन शैली में जोड़ने हेतु विभिन्न पहलुओं पर बात की। उन्होंने कहा कि आप जिस जगह पर जाये हिन्दी में ही बोले का कोशिश करें।अपनी भाषा पर गर्व करना सम्मान की बात है।हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है साथ ही यह मातृ भाषा भी है। हिन्दी सभी भाषाओं को जोड़ती है। भारत के विविधता में एकता प्रतिक हिन्दी है। हिंदी दिवस 2023 के पावन अवसर पर हम संकल्प लें कि हिंदी में अपना सभी काम काज करते हुए हिंदी का मान सम्मान में वृद्धि को अपना लक्ष्य बनाएं।
इस दौरान पुलिस अधीक्षक पितांबर सिंह खेरवार ने कहा कि हिंदी दिवस हमें यह एहसास दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि हिंदी भाषा पूरी दुनिया में सबसे पुरानी सबसे प्राचीन एवं प्रभावशाली भाषाओं में से एक है और ऐसे में हमे अपनी मातृभाषा यानि हिंदी भाषा बोलने में गर्व महसूस करना चाहिए। भाषा ऐसी होनी चाहिए की सामने वाले को आसानी से समझ भी आए।सभी कार्यालय में खास कर लिपिक वर्ग में सभी को हिंदी का ज्ञान होना चाहिए। गांव गांव में हिंदी भाषा को लेकर जागरुकता लाने की जरूरत है।
उप विकास आयुक्त अभिजित सिन्हा ने कहा कि हिंदी भाषा एक ऐसी भाषा है जो लोगों को मिलाकर रखता है। हमारे लिए गौरव की बात है कि आज राज्य सरकार हिंदी भाषा का प्रयोग सबसे ज्यादा करती है। हिंदी के प्रति जागरुकता लाने की आवश्यकता है। अधिक से अधिक लोगों को इसके लिए प्रचार प्रसार करना चाहिए।
प्रभारी उप निदेशक राजभाषा जुगनू मिंज ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारे लिए यह बहुत गर्व की बात है कि हमारी राजभाषा हिन्दी, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों मंचो में लकप्रियता हासिल कर रही है। भारत सरकार द्वारा हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए, साल 2006 में प्रतिवर्ष 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस मनाने की घोषणा की गयी थी। इसके बाद विश्व में हिन्दी का विकास करने और एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा के तौर पर इसके प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से, विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गयी। इसी क्रम में इस वर्ष 2023 में, 15 फरवरी से 17 फरवरी तक फिजी सरकार के सहयोग से, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा फिजी में 12वॉ विश्व हिन्दी सम्मेलन, सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित, इस एकद्विपीय देश, फिजी की राजभाषा फिजियन हिन्दी ही है।
हिन्दी दिवस, हमें यह याद दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, कि हिन्दी विश्व की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है। प्रत्येक भारतीय को हिन्दी में बातचीत करने पर गर्व महसूस करना चाहिए। हिन्दी का प्रचार-प्रसार करना हमारा नैतिक एवं राष्ट्रीय कर्तव्य है।
इस दौरान अन्य वक्ताओं ने भी हिंदी दिवस से संबंधित अपनी बात रखी तथा हिंदी भाषा को प्रमुखता से अपने जीवन में लाने हेतु बात की।
मौके पर पुलिस उपाधीक्षक विजय कुमार, रामवरण चौधरी, डॉ. सी.एन. मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार सुमन कुमार सिंह,आनंद जायसवाल,मनोज केसरी, शंभूनाथ मिस्त्री, कमलाकांत प्रसाद सिन्हा, राजीव नयन तिवारी,अशोक सिंह, विद्यापति झा, अमरेन्द्र सुमन, अरूण कुमार सिन्हा, मनोज कुमार घोष, डॉ. यदुवंश प्रणय, सौरभ सिन्हा सहित अन्य मौजूद थे।
रिपोर्ट- आलोक रंजन Alok Ranjan