देवघर: हेडमास्टर प्रशिक्षण का अंतिम बैच शुरू, जिला आयुक्त की अध्यक्षता में एक समन्वय समिति का किया गया गठन
देवघर: आयुष्मान भारत पहल के तहत विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम, जिसे ज़िले में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निर्देश, जे सीईआरटी रांची तथा डायट जसीडीह के मार्गदर्शन एवं सेंटर फ़ॉर कैटालाइजिंग चेंज के तकनीकी सहयोग से सभी कोटि के विद्यालयों जहां वर्ग 6 एवं उससे ऊपर की पढ़ाई होती है में संचालित किया जा रहा है।
आज दिनांक 21/09/2023 को डायट जसीडीह में प्रधानाध्यापकों के 2 दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण के अंतिम फेज का शुभारम्भ डायट प्राचार्य अजय कुमार द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया, जिसमें बैच 14 के कूल 52 प्रधानाध्यापकों ने हिस्सा लिया।
मौके पर संकाय सदस्य किरन कुमारी ने पौधा देकर डायट प्राचार्य को सम्मानित किया।
मौके पर अपने सम्बोधन में डायट प्राचार्य ने कहा कि विद्यालय स्वास्थ्य एवम कल्याण कार्यक्रम, आयुष्मान भारत के तहत केंद्र सरकार एवम राज्य सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है जिसे बच्चों के शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक विकास के लिए जिले में चलाया जा रहा है। आगे उन्होंने कहा कि बाल विवाह, दहेज प्रथा हमारे पढ़े लिखे समाज में अभिशाप है तथा सामाजिक एवं भावनात्मक लगाव के कमी के कारण आत्महत्या जैसे प्रवृत्ति बढी है, लोग एकांकी जीवन जीने लगे हैं एकांकी जीवन से सरलता एवं समरसता समाज में घटी है, मानव तस्करी भी सभ्य समाज के लिए अपराध है, बच्चों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित ताकि बच्चों में जीवन कौशल संबंधी जानकारियों का विकास किया जा सके। शिक्षक गुरु के साथ-साथ अभिभावक के रूप में कार्य करें तो सभी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
आगे उन्होंने बताया कि इस प्रोग्राम के बेहतर संचालन तथा उद्देशों की पूर्ति के लिए हरेक माह ज़िले में उपायुक्त के अध्यक्षता तथा प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में रिव्यू होना है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत लगभग 2000 से अधिक शिक्षकों को डायट में गुणवतापूर्ण प्रशिक्षण दिया गया जिसके फलस्वरुप राज्य स्तर पर देवघर जिले का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है।
मौके पर इस प्रोग्राम के एसआरजी मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रधानाध्यापक इस प्रोग्राम के सफलतापुर्वक क्रियान्वन में अरोग्य दूतों से समन्वय स्थापित कर विद्यालय में कार्य करें तथा उन्होंने कहा कि प्रोग्राम के लागू होने पर प्रधानाध्यापकों का यह दायित्व होगा कि वह अपने विद्यालय में बच्चों को आयु अनुरूप जानकारी देंगे जैसे किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक बदलाव, हिंसा, इंटरनेट का उपयोग, पारस्परिक संबंध, मादक पदार्थों आदि ताकि हर बच्चे अपने सर्वांगीण विकास के प्रति जागरुक हों।
मौके पर सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज के ज़िला प्रतिनिधी कृष्णा कुमार, संकाय सदस्य रीना कुमारी, प्रसुराम तिवारी ज़िला साधन सेवी विजय शंकर ठाकुर एवं राजेश कुमार मौजूद थे।