बाल संरक्षण पर दो दिवसीय राष्ट्रीय वार्षिक हितधारक परामर्श की नई दिल्ली में हुई शुरुआत, सीडब्ल्यूसी के प्रतिनिधि के रूप में डॉ अमरेंद्र हुए शामिल
दुमका: किशोर न्याय एवं बाल कल्याण समिति, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के तत्वावधान में नई दिल्ली में दो दिवसीय राष्ट्रीय बार्षिक स्टेकहोल्डर्स परामर्श, (यूनिसेफ द्वारा समर्थित) कानून के साथ संघर्ष में बच्चे, रोकथाम, पुनर्स्थापनात्मक न्याय, परिवर्तन और हिरासत में रखने के विकल्प विषय पर शनिवार को प्रारंभ हुआ।
इस राष्ट्रीय वार्षिक हितधारक परामर्श के लिए झारखंड राज्य के प्रतिभागियों का नामांकन अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पत्र दिनांक 30.08.2023 के अनुपालन में, झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा नामांकित किया गया, जिसमें 23-24 सितंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट परिसर में आयोजित दो दिवसीय ‘कानून के साथ संघर्ष में बच्चों पर राष्ट्रीय वार्षिक हितधारक परामर्श’ के लिए प्रतिभागियों के रूप में शामिल हुए।
झारखंड उच्च न्यायालय से नामांकित एवं आमंत्रित प्रतिभागी- न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद, न्यायाधीश, झारखंड उच्च न्यायालय और अध्यक्ष, किशोर न्याय- सह- पॉक्सो समिति, न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी, न्यायाधीश, झारखंड उच्च न्यायालय और सदस्य, किशोर न्याय- सह-पॉक्सो समिति, न्यायिक अधिकारी संतोष कुमार, सदस्य सचिव, झालसा, संजय कुमार, सचिव, किशोर न्याय- सह- पॉक्सो समिति, राजेश कुमार, अपर निदेशक- सह- वरिष्ठ संकाय सदस्य, न्यायिक अकादमी झारखंड, तन्वी, उप सचिव, किशोर न्याय- सह- पॉक्सो समिति, भूपेश चंद्र समद
सिविल जज (जूनियर डिवीजन)- सह- जे.एम.- सह- पी.एम. (जे.जे.बोर्ड), बोकारो, झारखण्ड राज्य के अधिकारी- कृपानन्द झा, सचिव, महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा, विभाग, राजेश्वरी बी. निदेशक, महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा, विभाग, डॉ अमरेन्द्र कुमार, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, दुमका, झारखंड सरकार, राजीव पांडे, राज्य कार्यक्रम प्रबंधक, मिशन वात्सल्य, एकीकृत बाल संरक्षण योजना, सुजीत बारेन गोश्वामी सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड, खूंटी, झारखण्ड पुलिस की ओर से अनुराग गुप्ता, आई.पी.एस. महानिदेशक, अपराध अनुसंधान विभाग, झारखंड, संजय रंजन सिंह, आई.पी.एस. उप निदेशक, झारखण्ड पुलिस अकादमी, हज़ारीबाग, राज कुमार सिंह, निदेशक, अभियोजन निदेशालय, झारखंड शामिल हुए।
झारखंड राज्य से बाल कल्याण समिति के प्रतिनिधि के तौर पर डॉ अमरेन्द्र कुमार, चैयरपर्सन बाल कल्याण समिति दुमका को भेजे पर दुमका सहित झारखंड के स्टेकहोल्डर्स, सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने बधाई देते हुए कहा कि दुमका और झारखंड के लिए गर्व की बात है।
इधर किशोर न्याय और बाल कल्याण पर सुप्रीम कोर्ट समिति राज्यों में अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं और कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों के लिए न्याय प्रणाली को और मजबूत करने के लिए दो दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श का आयोजन किया है।
परामर्श के उद्घाटन सत्र में महिला एवं बाल विकास मंत्री, भारत सरकार, स्मृति जुबिन ईरानी, न्यायमूर्ति रवींद्र भट, न्यायाधीश और किशोर न्याय समिति, सुप्रीम कोर्ट के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना, न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट शामिल हुए।
भारत सरकार, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण परिषद और यूनिसेफ के विचारों के साथ परामर्श 24 सितंबर को समाप्त हो जाएगा।
इसमें बताया गया कि शीर्ष अदालत सालाना इन राष्ट्रीय हितधारक परामर्शों का आयोजन कर रही है, जिसमें महिला और बाल विकास मंत्रालय और अन्य संबंधित सरकारी क्षेत्रों, बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय और राज्य आयोगों और अन्य लोगों को गति, ध्यान, निगरानी और लाने के लिए भागीदार शामिल किया गया है। देश में बच्चों की सुरक्षा से संबंधित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को दिशा देना है।
रिपोर्ट- आलोक रंजन Alok Ranjan