कोडरमा: डीएवी में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती मनाई गई
डीएवी पब्लिक स्कूल, झुमरी तिलैया, कोडरमा में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी के जन्म दिवस के शुभावसर पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में सर्वप्रथम विद्यालय के प्राचार्य व शिक्षक- शिक्षिकाओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। तत्पश्चात विद्यालय की छात्रा अनुपम ने स्वच्छता प्रतिज्ञा दिलाई जिनमें विद्यालय के प्राचार्य , शिक्षक शिक्षिकाएं एवं सभी विद्यार्थी शामिल हुए ।
अभया श्री, सतीश यादव एवं आकृति ने इन महा पुरुषों के जीवन से जुड़ी कहानियों, प्रेरक कथनों व उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। अर्णव एवं उसके साथियों ने असहयोग आन्दोलन से जुड़ी महत्त्वपूर्ण घटना पर आधारित एक नाटक प्रस्तुत किया । सारा एवं उसके साथियों ने रघुपति राघव राजा राम भजन गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया । आराध्या एवं उसके साथियों ने एक सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया। साथ ही विद्यालय में स्वच्छता प्रभात फेरी, स्वच्छता सेवा अभियान, क्विज कंपटीशन, पोस्टर मेकिंग तथा स्लोगन राइटिंग का आयोजन हुआ। कक्षा एलकेजी से दूसरी कक्षा के बच्चों ने गाँधी जयंती के अवसर पर क्राफ्ट मेकिंग एवं महात्मा गाँधी,कस्तुरबा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की भेष -भूषा में कार्यक्रम प्रस्तुत किए । नन्हें-मुन्ने बच्चों ने क्राफ्ट मेकिंग में चरखा व बंदर बनाया तथा गाँधी जी की तस्वीर को थर्मोकॉल बॉल से सजाया | इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों के नाम इस प्रकार है –
सर्वोत्तम शिल्प निर्माण में
समायरा कुमारी, विहान कुमार, राजदीप, श्रीहान शांडिल्य (लाल बहादुर शास्त्री के रोल प्ले ) । आराध्या ,अवंतिका कुमारी ,अनिक देव , गौरव पांडे ,सिद्ध स्वरूप, अभिप्शा राऊत, अश्विनी कुमारी, शानवी सिंह, आरव(गांधीजी का सर्वश्रेष्ठ रोल प्ले ), अर्णव चौधरी, सिद्धि कुमारी, दिव्यांश गुप्ता, अरुप अंजन एवं नील का रहा ।
विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि 2अक्टूबर का दिन देश की दो महान विभूतियों के जन्मदिन के पावन अवसर पर मनाया जाता है ।
महात्मा गाँधी के कार्यों एवं विचारों ने देश की स्वतंत्रता और इसके बाद आजाद भारत को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई तथा लाल बहादुर शास्त्री की सादगी और विनम्रता ही उनकी पहचान थी।1965 के भारत पाक युद्ध के दौरान दिया गया ‘जय जवान जय किसान’ का उनका नारा आज के परिप्रेक्ष्य में भी सटीक और सार्थक सिद्ध होता है । इन दोनों महान व्यक्तित्व का सम्पूर्ण जीवन ही हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सीसीए इन्चार्ज श्वेता सिंह, शिक्षक सुजीत राणा, जयदेव आचार्या, सुभाश्रीरथ, विदिशा, संध्या कुमारी, लक्की पाठक, शिल्पी गुप्ता, वंदना दुबे, लक्ष्मी कुमारी एवं कृति कुमारी की भूमिका सराहनीय रही।