देवघर (शहर परिक्रमा)

देवघर: प्रशिक्षण से छूटे हुए शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों के लिए अब ऑनलाइन प्रशिक्षण

विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम ज़िले के हरेक विद्यालय जहां वर्ग 6 एवम उससे उपर की पढ़ाई होती है, में आयुष्मान भारत पहल के तहत स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निर्देश, जेसीईआरटी रांची तथा डायट जसीडीह के मार्गदर्शन एवम सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज के तकनीकी सहयोग से चलाया जा रहा है।
आरोग्यदूतों का शतप्रतिशत प्रशिक्षण पूर्ण करने के लिए डायट द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण कराया जा रहा है। इस कार्यक्रम के जमीनी स्तर पर सुचारु रूप से संचालन तथा बच्चों में शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक कौशल के विकास एवं स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता तथा आयु अनुरूप जानकारी देने के उद्वेश्य से राज्य सरकार के निर्देश पर विगत 2 महीने से हरेक विद्यालय से चिन्हित 2 शिक्षकों का 25 बैचों में कुल 1298 शिक्षकों को अरोग्य दूत के रूप में तथा 670 प्रधानाध्यापक/ प्रभारी प्रधानाध्यापक को 14 बैचों में प्रशिक्षण डायट, जसीडीह में दिया गया है।
गौरतलब है कि इसके बावजूद कुछ शिक्षक/ प्रधानाध्यापक किन्ही कारणों यथा एकल शिक्षकीय विद्यालय, बीमारी से ग्रस्त रहने, जानकारी के अभाव आदि से प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनुपस्थित थे उनकी सूची डायट प्राचार्य तथा ज़िला शिक्षा पदाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से निर्गत कर दिया गया है तथा उनको 9 अक्टूबर से होने वाले ऑनलाइन प्रशिक्षण में निश्चित तौर पर भाग लेने को कहा गया है।
डायट प्राचार्य सह अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार ने कहा कि कूल 39 बैचों 5 दिवसीय अरोग्य दूतों को एवं 2 दिवसीय प्रधानाध्यापकों को दिए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान किसी भी दिन अगर कोई शिक्षक अनुपस्थित थे तो वो भी ऑनलाइन प्रशिक्षण में जुड़कर उस मॉड्यूल को सिख लें। कोई अन्य शिक्षक, प्रखंड स्तर के पदाधिकारी तथा सभी अरोग्य दूतों एवं प्रधानाध्यापक में से कोई भी अपने बेहतर समझ के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण ग्रहण कर सकते हैं ।
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन प्रशिक्षण का लिंक ज़िला एवम प्रखंड स्तर के सभी व्हाट्सएप ग्रूप में शेयर कर दिया गया है साथ ही साथ निर्देश दिया कि यह अंतिम फेज का प्रशिक्षण है इसे आवश्यक समझ के सभी छूटे हुए आरोग्य दूत एवं प्रधानाध्यापक शामिल हों ताकि कार्यक्रम का सफलतापूर्वक क्रियान्वन शत प्रतिशत विद्यालय में जमीनी स्तर पर किया जा सके जिससे ज़िले के सभी विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके ।

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