देवघर (शहर परिक्रमा)

देवघर: ब्लू बेल्स स्कूल में स्वच्छता पखवाड़ा की शुरुआत

आज दिनांक 28.10.23 को ब्लू बेल्स स्कूल में निदेशक प्रेम कुमार द्वारा “स्वच्छता पखवाड़ा” (Swachhta Pakhwada) की औपचारिक शुरुआत के बाद विद्यालय के शिक्षक एवं अन्य कर्मचारियों को विद्यालय परिसर मे स्वच्छता की शपथ दिलवाई गई।

“स्वच्छता पखवाड़ा” के दौरान निदेशक प्रेम कुमार ने सभी शिक्षक एवं कर्मचारियों को स्वच्छता के साथ साथ पर्यावरण को संरक्षित रखने के उद्देश्य से अपनी दैनिक जीवन में कार्यालयी/निजी गतिविधियों में प्रयोग में लिए जाने वाले सभी प्रकार के एकल प्रयोग (Single use) प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का आव्हान किया एवं सभी को इस हेतु प्रेरित करने पर ज़ोर दिया ताकि स्वच्छता के साथ साथ पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकें। इस क्रम में उन्होने सभी कर्मचारियों को स्वच्छता का स्थायीकरण करने के लिए मान्यता प्राप्त तकनीक जैसे कि ‘5S’ (सूचीबद्ध, क्रम में सेट करना, शाइन, मानकीकरण एवं स्थिर/आत्म-अनुशासन) का प्रयोग कर विद्यालय में बेहतर कार्यस्थल प्रबंधन के अंतर्गत स्वच्छता को स्थायी रूप से बनाए रखने की दिशा पर ज़ोर दिया और कहा कि यदि हम अपनी सोच व दृष्टि को भी स्वच्छ रखेंगे तो हम अपने विकास के प्रति तत्परता से कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।

स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान “स्वच्छ भारत अभियान में जन भागीदारी” विषय पर निबन्ध प्रतियोगिता एवं नारा (Slogan) प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। विद्यालय परिसर में स्वच्छता जागरूकता से संबन्धित बैनर, पोस्टर्स का प्रदर्शन किया गया, साथ ही विद्यालय में स्थित सभी पानी की टंकियों की स्वच्छता सुनिश्चित की गई। पखवाड़े के दौरान समस्त बेकार सामान, जो कि उपयोग के लायक नही है, की पहचान की गई, जिसका ई-वेस्ट के माध्यम से अधिकृत फ़र्म एवं एजेंसियों द्वारा निस्तारण किया जाएगा। इस दौरान कम्पनी कर्मचारियों के एक समूह द्वारा कम्पनी परिसर के साथ साथ आस-पास के क्षेत्रों में जाकर सफाई अभियान, स्वच्छता जागरूकता से संबन्धित बैनर, पोस्टर्स का प्रदर्शन भी किया गया। साथ ही अभिलेखों के डिजिटलीकरण के लिए समस्त पुराने सभी अभिलेखों की पहचान कर रिकार्ड प्रतिधारण कार्यक्रम (Record Retention Schedule) के तहत छंटनी की गई और उन्हे और अधिक सुव्यविस्थत करने हेतु उनके डिजिटलीकरण की कार्यवाही की गई।


इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय की प्राचार्या पूनम झा तथा सभी शिक्षक तथा शिक्षिकाएं कि अहम भूमिका रही।