दुमका: पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा संथाल परगना ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर मांगा अपना अधिकार
दुमका: पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा, संताल परगना, दुमका के एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर पिछड़ा वर्ग के हक और अधिकार के लिए 25 अगस्त 2023 को आयोजित स्व. वीपी मंडल जयंती के अवसर पर पिछड़े वर्ग संघर्ष मोर्चा के सेमीनार में पारित मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें मुख्य रूप से सर्वसम्मति से पारित निम्नलिखित मांगों के संबंध में न्यायोचित कार्यवाही करते हुए संबंधित विभागों के माध्यम से नागरिकों को भारतीय संविधान में उल्लिखित नागरिक अधिकार के संबंध में निर्णय लेकर समिति को अवगत कराने का आग्रह किया गया है। इसके पूर्व में भी इसकी एक प्रति उपाय भूमिका के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा जा चुका है।
प्रमुख मांगे-
(1) सामाजिक और आर्थिक विकास के सम्यक कल्याणकारी एवं जनहितकारी योजना बनाने हेतु जाति गणना अविलंब कराया जाय ।
(2) झारखण्ड राज्य बनने के बाद पिछड़े संवैधानिक अधिकार के तहत् दिये गये 27% आरक्षण को घटाकर 14% किया गया है तत्काल प्रभाव से ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण वापस दिया जाय ।
(3) दुमका सहित लोहदगंगा, गुमला, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार, खूँटी सात जिलों में ओबीसी आरक्षण शुन्य किया गया है, ईन सभी जिलों में 27% आरक्षण दिया जाय ।
वर्तमान समय में जाति संबंधी कोई वैधानिक आंकड़े सरकार के पास उपलब्ध नहीं है, पंचायत वोट के कुल ओबीसी वोटर के आधार पर पिछड़े एवं अल्पसंख्यक पिछड़े की कुल जनसंख्या राज्य के जनसंख्या का अनुमानित 70-72% है। उक्त स्थिति में राज्य एवं जिला रोस्टर में ओबीसी वर्ग को तमिलनाडु के तर्ज पर 36-52% आरक्षण दिया जाय।
प्रतिनिधि मंडल में केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष असीम मंडल, केंद्रीय प्रधान महासचिव डॉ अमरेंद्र कुमार यादव, बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के दिवाकर महतो एवं बिहारी यादव, महासचिव रंजीत जायसवाल, कोषाध्यक्ष अजीत कुमार मांझी, जयकांत कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।