कोडरमा (शहर परिक्रमा)

डीएवी पब्लिक स्कूल, कोडरमा के स्थापना दिवस पर बीपीएससी में चयनित नूर फातिमा सम्मानित

पीवीएसएस डीएवी पब्लिक स्कूल में 33वॉं स्थापना दिवस अत्यंत धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि नूर फातिमा और प्रिसाइड गेस्ट संजीवन परमार को पुष्प गुच्छ प्रदान कर उनका स्वागत किया गया। तत्पश्चात अपनी वैदिक परंपरा के अनुसार हवन का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यालय के बच्चों ने सभी शिक्षकों और अतिथियों के साथ भाग लिया। दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। सर्वप्रथम समृद्धि और उनके समूह द्वारा स्वागत गीत गाया गया। उसके पश्चात उजेशा मंडल और उसके समूह ने अत्यंत ही मनोहर वैदिक नृत्य प्रस्तुत किया। एकल नृत्य कृतिका देवनाथ के द्वारा प्रस्तुत किया गया। लोक नृत्य वैष्णवी और उनके समूह ने प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। फ्यूजन डांस नव्या निर्मल और उनके समूह ने प्रस्तुत कर समा बांध दी। मंच का संचालन मध्यिका श्री ने किया।

मुख्य अतिथि नूर फातिमा ने विद्यालय के सभी बच्चों को सफलता का मंत्र दृढ़ इच्छा शक्ति, आत्मविश्वास, लगन और जुझारू प्रवृत्ति बताया। उन्होंने बताया कि कोई भी लक्ष्य किसी भी परिस्थिति में प्राप्त किया जा सकता है। जब आपके लक्ष्य के प्रति समर्पित हो जाते हैं तो हर बाधा छोटी पड़ जाती है।विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि नूर फातिमा का अभिनंदन करते हुए स्मृति चिह्न प्रदान किया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा यह अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि विद्यालय अपनी 33वीं वर्षगांठ अत्यंत गौरव के साथ मना रहा है। विद्यालय ने अपनी अभूतपूर्व सफलता को प्राप्त किया है। चिकित्सा, विज्ञान, प्रशासन, अभियांत्रिकी और भी अनेक क्षेत्रों में विद्यालय के विद्यार्थियों ने अपनी सफलता का परचम लहराया है। आज उसके प्रमाण के रूप में विद्यालय की छात्रा नूर फातिमा हमारे बीच मुख्य अतिथि के रूप में आईं हैं। इन्होंने डीएवी पब्लिक स्कूल कोडरमा से ही शिक्षा प्राप्त की और अभी इन्होंने बीपीएससी की परीक्षा में शानदार सफलता प्राप्त किया है। इनके सफलता के लिए पूरा विद्यालय परिवार इन्हें बधाई देता है और इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है। ऐसे विद्यार्थी विद्यालय को गौरांवित करते हैं।डीएवी प्रबंधक के सभी सदस्यों ने भी विद्यालय की नूर फातिमा के स्वर्णिम सफलता के लिए बधाई भेजा।कार्यक्रम का समापन शांति पाठ के साथ हुआ।