दुमका: प्रखंड कोऑर्डिनेटर पर भ्रष्टाचार में लिप्त रहने का आरोप
प्रशासनिक उदासीनता के कारण 25 वर्षों से बेघर है जरमुंडी का रिक्शा चालक का परिवार, उपायुक्त से लगाई न्याय की गुहार
दुमका: जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र के रायकिनारी पंचायत के मरिकडीह गाँव के निवासी सिहा देवी का परिवार प्रखंड कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। उसके पति विष्णु मंडल ने बताया कि वह रिक्शा चलाकर घर परिवार का किसी तरह भरण पोषण करता था। उसे बीमारी हो गई है डॉक्टर ने ऑपरेशन कराने की सलाह दिया है। वर्तमान में वह रिक्सा भी नहीं चला पा रहा है। 25 वर्ष पहले बरसात में उसका मिट्टी का घर गिर गया था, तब से किसी न किसी रहनुमा के सहयोग से किसी तरह उसकी मरम्मति करा कर प्लास्टिक के छत के नीचे गुजर बसर कर रहा है। इन वषों में दर्जनों बार आवेदन दिया परन्तु अभी तक कोई सरकारी आवास योजना का लाभ नही मिला है। उसने अम्बेडकर आवास के लिए भी आवेदन दिया था। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में भी कई बार आवेदन दिया है।
उनका आरोप है कि जरमुंडी प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय में पदस्थापित प्रखंड कोऑर्डिनेटर दिनेश गुप्ता ने अबुआ आवास की स्वीकृति हेतु रिश्वत के रूप में दस हजार रुपये की मांग किया, बोला कि ऐसे सूखा सुखी ब्लॉक घूमने से आवास नहीं मिलता है। उसके लिए रुपये लगते हैं। येसे जिंदगी बीत जाएगी कभी आवास नहीं मिलेगा। वह एक निहायत गरीब व्यक्ति बीपीएल परिवार से आता है। उन्होंने कहा कि उसके पास कोऑर्डिनेटर दिनेश गुप्ता को देने के लिए 10,000/- रुपया नही है। इसलिए बड़ी आशा और उम्मीद से गरीबों के रहनुमा उपायुक्त को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है और भ्रष्ट अधिकारी पर कार्रवाई की मांग किया है।
अबुआ आवास के लिए उनकी पत्नी सिहा देवी के नाम से आवेदन है। एक साजिश के तहत “सर्वेक्षण के बाद सत्यापित पात्र लाभार्थियों को सूचि” में आवेदक सिहा देवी का नाम क्रम संख्या 155 में कर दिया गया है। जबकि अमीर लोगों और पहले से पक्का घर वाले का अबुआ आवास दिनेश गुप्ता के मिलीभगत से किया गया है। जो जाँच का विषय है। आवेदन की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन और राज्यपाल झारखंड को भी भेजा गया है।
रिपोर्ट- आलोक रंजन