कोडरमा (शहर परिक्रमा)

कोडरमा: डीएवी में मनाई गई महात्मा हंसराज जयंती


डीएवी पब्लिक स्कूल कोडरमा में महात्मा हंसराज जयंती पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य और सभी शिक्षकों ने महात्मा हंसराज को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। उसके पश्चात हवन का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय के प्राचार्य,सभी शिक्षकों और बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में उनके जीवन पर प्रकाश वर्तिका शुक्ला ने डाला। अपनी कविता के माध्यम से कक्षा दसवीं की कुमारी श्रेयसी ने महात्मा हंसराज जी के त्याग को प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी का आयोजन आकृति सिंह द्वारा किया गया। संस्कृत में उनके सुविचार को जिज्ञासा और सृष्टि कुमारी प्रकट किया।महात्मा हंसराज के जीवन से जुड़े गीत को सान्वी कुमारी ने अपनी मधुर आवाज में गाया। बालक हर्षित ने महात्मा हंसराज का रूप धारण कर सभी का मन मोह लिया। साथ ही कक्षाओं में बायोस्केच लेखन, चित्रकला और स्लोगन राइटिंग जैसी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया।

इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने कहा महात्मा हंसराज पंजाब के प्रसिद्ध आर्यसमाजी, समाज सुधारक और शिक्षाविद् थे।हंसराज जी का बचपन अभावों में व्यतीत हुआ लेकिन वे बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे।स्वामी दयानन्द सरस्वती के प्रवचन का उन पर बहुत प्रभाव पड़ा और उन्होंने समाज सेवा को जीवन का लक्ष्य बना लिया।उन्होंने पहला डीएवी संस्थान की स्थापना 1 जून 1886 को लाहौर में किया जो आज विशाल वटवृक्ष के असंख्य शाखाओं के रूप में देश -विदेश में गुणवत्तापूर्ण आधुनिक शिक्षा जो विज्ञान की कसौटी पर कसा गया हो का लोहा मनवा रहा है। महात्मा हंसराज ने डीएवी के माध्यम से शिक्षा के साथ साथ चरित्र निर्माण, देशभक्ति, राष्ट्र प्रेम, मानवता, सहनशीलता, इत्यादि गुणों को जन जन तक पहुँचाया। उन्होंने महात्मा जी के सादा जीवन और उच्च विचार को जीवन में अपना आदर्श बनाने की बात कही। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूरे विद्यालय परिवार की सराहना की।