दुमका: प्रसिद्ध शिव नगरी बासुकीनाथ में जल संकट गहराया
बासुकीनाथ: विश्व प्रसिद्ध शिवनगरी बासुकीनाथ में गर्मी के दस्तक के साथ ही जल संकट गहरा गया है। पानी के अभाव में आगंतुक श्रद्धालु एवं नगर निवासी पानी पानी हो रहे हैं। बासुकीनाथ मंदिर का पवित्र शिवगंगा सरोवर छोड़ के नगर पंचायत क्षेत्र के सभी तालाब, पोखर, जोरिया, कुंआ पानी के अभाव में सुख चुके हैं। नगर पंचायत क्षेत्र के नगर निवासियों को शुद्ध पानी पूर्ति के लिए जिम्मेवार पी एच ई डी विभाग भी नगर निवासियों के जरुरत के अनुसार पानी सप्लाई नहीं कर पा रहा है। विभाग मुश्किल से लगभग बीस मिनट तक नगर निवासियों को शुद्ध पेयजल का पूर्ति कर रहा है।
बासुकीनाथ नगर पंचायत में चंद्रहार की तरह बहने वाली सदानीरा जोरिया लठिया जोर का पानी भी लगभग सुख चुका है। लठियाजोर जो बासुकीनाथ नगर निवासियों का कभी गौरव कहलाता था, उसमें नगर पंचायत क्षेत्र से निकले कई गंदे नालों का गंदा पानी गिरता है, जो यहां के निवासियों के लिए एक अभिशाप है। लठियाजोर के पश्चिम भाग में मानसिंह बाद से लेकर ऊपर घाट, मोचार, सोजा घाट, कुडलो घाट, धड़ धडिया घाट, झरना घाट, फुलधरिया घाट एवं धोबिया घाट तक साफ एवम शुद्ध जल बहता था, जिसमें पशुधन अपनी प्यास बुझाते थे। बासुकीनाथ की आधी जनसंख्या नहाने एवं कपड़ा धोने के लिए लठिया जोर के पानी पर ही निर्भर करता था, लेकिन जब से बासुकीनाथ नगर पंचायत क्षेत्र के आबादी वाले क्षेत्र का गंदा और दुषित पानी कई नाले और नालियों के माध्यम से लठिया जोर में गिरने लगा है। तब से आम जनता को भारी परेशानियां हो रही है। भीषण गर्मी और बढ़ते तपिश से कई चापानल और बोरिंग पानी देने में नकारा साबित हो रहे हैं या लोगों के जरुरत के अनुसार पानी नहीं दे पा रहे हैं। बासुकीनाथ मंदिर का एकमात्र पवित्र चंद्रकूप भी सुख गया है। पानी का जलस्तर नीचे चले जाने से आम जनता के पास कई समस्याएं खड़ी हो गई है। अभी तो गर्मी की शुरुआत है। मई जून का गर्मी अभी तो आना बाकी है।
रिपोर्ट- शोभाराम पंडा