एयरपोर्ट घेराबंदी दिवार से बंद आवागमन पथ की परेशान से फुलपहाड़ी ग्रामीणों ने स्थायी सड़क और दोबारा भौतिक व दस्तावेज सत्यापन की माँग गरमाई
शिकारीपाड़ा: मंदिरों का गाँव मलूटी स्थित एयरफोर्स के घेराबंदी दिवार से बंद हुए मुख्य आवागमन रास्ता की परेशानी झेल रहे बहुल आदिवासी ग्राम फुलपहाड़ी के ग्रामीणों ने शुक्रवार को समाज सेवी हाबिल मुर्मू को आमंत्रित कर स्थानीय मलूटी पंचायत मुखिया ठाकुर टुडू के उपस्थिती पर अपना व्यथा सुनाई।
फुलपहाड़ी के ग्रामीणों ने आगे बताई कि पूर्वजों के कथनानुसार
कई साल पूर्व सरकार ने उनके राजस्व मौजा का अधिकांश भाग एयरफोर्स के लिए एयरपोर्ट निर्माण हेतु जमीन अधिग्रहण किया गया था, लेकिन उनके पास जमीन अधिग्रहण संबंधित आज तक कोई लिखित दस्तावेज नहीं है। आजतक तत्कालीन सरकार ने उन्हें कोई कागजात नहीं दी। जिससे जमाबंदी रैयतगण आज भी अनभिज्ञ हैं कि उनका कितना जमीन एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहण हुआ है? और इसके एवज पर उनके पूर्वजों को कितना मुआवजा प्रदान किया गया है? उनका जमीन का अधिग्रहण किस तरह संपन्न हुआ है, उसे भी मालूम नहीं। आजतक उन्हें कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई।
वे बताते हैं कि विगत तीन साल के पूर्व वैकल्पिक मार्ग बगैर बनाये ही
उनके मुख्य आवागमन रास्ता, फुलपहाड़ी से सिजुआ ग्राम तक तथा दूसरी छोर फुलपहाड़ी से काँचपहाड़ी (तुमबनी, पश्चिम बंगाल) तरफ
के राजस्व रास्ता प्लाॅट को एयरपोर्ट के घेराबंदी दिवार से अवरोध कर दिया गया है, जिससे उन्हें दैनिक आवागमन में बहुत कष्ट झेलना पड़ रहा है। वर्तमान में वे अन्य जमाबंदी रैयती जमीन, खास पतित व गोचर जमीन होकर अपना दैनिक आवागमन के लिए मजबूर हैं। जो खेती बारी मौसम में तथा बारिश मौसम में अत्यधिक कष्टदायक होता है।
वे आगे बताते हैं कि पूर्व में जहाँ कँटीले तार से उनके जितने जमीन को एयरपोर्ट के लिए घेरा गया था, वर्तमान में उससे तकरीबन डेढ़ दो सौ फीट तक अतिरिक्त जमीन पर घेराबंदी की गई। वे बताते हैं अभी भी हमें समूचे जमीन-जायदाद पर मालगुजारी भुगतान करना पड़ रहा है।
फुलपहाड़ी के ग्रामीणों ने कहा कि एयरपोर्ट घेराबंदी दिवार से हमारी जमीन-जायदाद का लूट खसोट होने का प्रतीत हो रहा है जिसका दोबारा भौतिकी सत्यापन और दस्तावेज सत्यापन फुलपहाड़ी ग्राम सभा के समक्ष स्थानीय प्रशासन के द्वारा किया जाना चाहिए।
इस संदर्भ पर समाज सेवी हाबिल मुर्मू ने मीडिया के माध्यम से स्थानीय प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए माँग किया कि यथाशीघ्र स्थानीय प्रशासन द्वारा फुलपहाड़ी आदिवासी ग्रामीणों के लिए स्थायी सड़क मार्ग निर्माण करे, उनके अधिग्रहित जमीन का दस्तावेज और भौतिक सत्यापन दोबारा किया जाए और अधिग्रहित जमीन का मालगुजारी भुगतान पर रोक लगाया जाए।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान बबलू मुर्मू, सोनोत मुर्मू, सोम मुर्मू, ताला हेम्ब्रम, मंगल सोरेन, चुड़का टुडू, मुन्ना मुर्मू, सेबास्टियन सोरेन, नींबूलाल मुर्मू, महादेव हेम्ब्रम, छोटू मुर्मू सहित भारी तदाद पर महिला-पुरूष उपस्थित थे।
रिपोर्ट- आलोक रंजन