छात्र ही झारखण्ड की असली पहचान: झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक
छात्र ही झारखण्ड के असली पहचान हैँ, खेलेगा छात्र तो बढेगा झारखण्ड। स्कूली छात्र छात्राओं का शारीरिक और मानसिक विकास ही झारखण्ड कि असली पहचान है। शारीरिक शिक्षकों के कार्यों की जितनी सराहना की जाए, कम है। शिक्षकों को बेहतरीन आयोजन के लिए बधाई,लगभग पांच हज़ार विद्यार्थियों ने प्रखंड स्तर पर भाग लिया और आज इस राज्यस्तरीय प्रतियोगिता तक का सफर तय किया है,पदाधिकारी और शिक्षक इसपर फोकस करे कि अधिक से अधिक बच्चो को कैसे खेलो में मौक़ा मिले,विद्यालय स्तर पर जो भी खेल सामग्री या खेल मैदान की आवश्यकता है, हम उसे उपलब्ध कराने की कोशिश करेंगे।
उक्त बातें झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने 63वीं राज्यस्तरीय प्री-सुब्रतो कप फुटबॉल टूर्नामेंट 2024-25 के शुभारंभ समारोह में कही झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने कहा।
आगे उन्होंने कहा कि झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, रातू में मिनी स्पोर्ट्स कैंपस का निर्माण हो रहा है, जिसमे खेलो झारखंड की लघु प्रतियोगिताएं वर्ष 2025 से आयोजित की जाएंगी। उन प्रतियोगिताओ में शामिल होने वाले बच्चो को आवासन की बेहतरीन सुविधा भी मिलेगी।
आज लोग खेल को भी लोग गंभीरतापूर्वक ले रहे है,और इसे एक करियर विकल्प के रूप में देखते है। यह सुखद है। उन्होंने मौजूद प्रतिभागियों, खेल शिक्षकों एवं पदाधिकारियों को खेलो में डोपिंग को रोकने पर जोर देने की सलाह दी। आदित्य रंजन ने कहा कि बच्चे खेले, मगर नशे का शिकार ना बने।
उन्होंने कहा कि खेलो का आयोजन इतना शानदार हो, की अगले वर्ष झारखंड को चार नहीं, उससे अधिक SGFI खेलो की मेजबानी का मौक़ा मिले। खेल में शामिल होने के लिए आने वाले बच्चो को इतना आनंद आये कि वे जब वे अपने विद्यालयों में जाए, तो अन्य बच्चो को भी खेलो में भाग लेने के लिए प्रेरित करे। उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि आयोजन में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी।
रिपोर्ट: उत्तम जायसवाल