देवघर: स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत बिटीटी ने अपने स्थानांतरण का किया विरोध
सिविल सर्जन को पदमुक्त करनें की उठी मांग
देवघर जिले का एक मात्र बड़ा अस्पताल सदर अस्पताल इन दिनों सुर्खियों में है। कभी एएनएम के स्थानांतरण का मुद्दा गर्म रहता है तो कभी प्रसूति विभाग में कार्यरत एएनएम द्वारा पैसा मांगे जाने का मामला सुर्खियां बटोरता है। इसी क्रम में गुरुवार को अस्पताल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में कार्यरत बिटीटी के द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल चालू हो गया है।
वहीं मौके पर उपस्थित बिटीटी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला के सिविल सर्जन के द्वारा मनमानी तरीके से उनका स्थानांतरण किया गया है।वहीं अपनी मांगों को रखते हुए कहा कि बिटीटी के स्थानांतरण पर अविलंब रोक लगाया जाए।वहीं सिविल सर्जन को पदमुक्त करनें का भी मांग किया गया है। साथ ही इनके कार्यकाल की कार्यों की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमिटी से करवाने की मांग करते दिखे।वहीं अन्य मांगों में बिटीटी को स्थाईकर्मी के रूप में स्थापित करनें की बात कही गयी है।
वहीं हवाला देते हुए कहा कि झारखंड सरकार ग्रामीण स्वावलंबी मिशन समिति के पत्रांक के आलोक में कोषांग प्रभारी के निर्देशानुसार बिटीटी स्वत्रंत साधन से सेवी है, यह पद पदस्थापित या स्थानांतरित नहीं है इनके निर्देश के अनुसार बिटीटी का चयन,पदस्थापना,बदलाव जैसी प्रक्रिया राज्य सामुo कोषांग सेल कम्युनिटी, फैमिली प्लानिंग कोषांग सेल से होता है। इसके बावजूद देवघर सिविल सर्जन के द्वारा स्थापना समिति स्वाo की बैठक एवं पांच वर्ष से एक ही जगह पर संस्थान में कार्यरत बिटीटी का हवाला देते हुए बिटीटी का स्थानांतरण किया गया है जो गलत है।उपस्थित कर्मियों ने कहा कि बिटीटी के स्थानांतरण से सहिया के कार्यों में प्रभाव पड़ा है।इसी प्रकार इनके और कई मांगे हैं।बहरहाल स्वास्थ्य महकमे के कर्मियों के आंदोलन का ज्यादा प्रभाव प्रखंडो के अस्पतालों पर पड़ता है।
धरना प्रदर्शन के दौरान मुख्य रूप से नंद किशोर चौधरी, अभिषेक ठाकुर, बबली चौधरी, शिला कुमारी, चंद्रकांत यादव, सुनीता गोराई, निरंजन प्रसाद राय, विकास कुमार सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।