दुमका: भाजपा एसटी मोर्चा ने किया जनाक्रोश महारैली का आयोजन
जामा: भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा दुमका द्वारा संथाल परगना में आदिवासियों की घटती जनसंख्या और लुटती जमीन के विरोध में गुरुवार को जनाक्रोश महारैली का आयोजन जामा हटिया परिसर से प्रखंड मुख्यालय परिसर तक किया गया। जनाक्रोश सभा को सम्बोधित करते हुए भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष विमल मरांडी ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या झारखंड में विकराल रूप धारण करती जा रही है। घुसपैठियों के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित आदिवासी समाज है। बांग्लादेशी घुसपैठिये लव जिहाद, लैंड जिहाद के माध्यम से आदिवासी बेटियों से शादी रचा रहे और उनकी जमीन पर भी कब्जा कर रहे हैं। अब तो आदिवासी आरक्षित सीट पर जनप्रतिनिधि बनाकर घुसपैठिये राजनीतिक रूप से भी मजबूत हो रहे हैं। आज संथाल परगना सहित पूरे झारखंड की डेमोग्राफी में अप्रत्याशित बदलाव आयी है। जिसे आंकड़ों में स्पष्ट देखा जा सकता है। 1951 की जनगणना रिपोर्ट के आधार पर पूरे झारखंड क्षेत्र में आदिवासियों की आबादी 36 प्रतिशत थी जो 2011 की जनगणना में घटकर 26 प्रतिशत हो गयी। उसी प्रकार हिंदू आबादी 87.9 प्रतिशत थी जो घटकर 81.7 प्रतिशत हो गयी। जबकि मुस्लिम आबादी 8.9 प्रतिशत थी जो बढ़ कर 14.5 प्रतिशत हो गयी। वहीं मुखिया सह भाजपा नेता राजू पुजहर ने कहा कि केवल संथालपरगना क्षेत्र की जनगणना रिपोर्ट पर नजर डालें तो 1951 में संथाल परगना में आदिवासी आबादी 44.67 प्रतिशत थी जो 2011 में घटकर 28.11 प्रतिशत पर आ गयी। जबकि मुस्लिम आबादी 9.44 प्रतिशत से बढ़कर 22.73 प्रतिशत पहुंच गयी। अन्य समुदाय की जनसंख्या 45.9 प्रतिशत से बढ़कर मात्र 49.2 प्रतिशत पर पहुंची। आज एक एक बूथ पर 123 प्रतिशत तक मतदाताओं में वृद्धि दर्ज हुई है। ऐसी परिस्थिति में बांग्लादेशी घुसपैठियों को राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त हो रहा है। झामुमो कांग्रेस जैसे सत्ताधारी दल तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। अब तो स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि आदिवासी समाज के लोग मुस्लिम बहुल गांव से पलायन कर रहे हैं। लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं। अपने धार्मिक आयोजन भी नहीं कर पा रहे हैं। न्यायालय के आदेश के बावजूद राज्य सरकार आदिवासी की लूटी जमीन पर बांग्लादेशियों का कब्जा नहीं हटा पा रही है।संवैधानिक व्यवस्था में आबादी के अनुपात में आदिवासी, दलित समाज को लोकसभा, विधानसभा एवम नौकरियों में आरक्षण सुनिश्चित किया गया है। लेकिन जिस प्रकार से आज प्रदेश में आदिवासियों की आबादी तेजी से घट रही उसके कारण समाज पर चौतरफा संकट है।
रैली को संबोधित करते हुए भाजपा नेता रमेश मुर्मू ने कहा कि आदिवासियों की माटी, बेटी, रोटी सब असुरक्षित हैं। उपर्युक्त सच्चाइयों से मुंह मोड़ना मतलब राज्य के जनजाति समाज को बर्बादी के मुंह में धकेलना है। बांग्लादेशी घुसपैठियों से आदिवासी समाज को ही नहीं अपितु राज्य को बचाने के लिए भी मरांडी ने सरकार से अविलंब एसआईटी गठित कर घुसपैठियों को चिन्हित कर उन्हें देश से बाहर कराने की मांग की एवं बंगलादेशियों से मुक्ति के लिए आवश्यक कठोर कदम उठाए जाने की मांग की गयी। अन्यथा भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा वृहत रूप से आंदोलन करने को बाध्य होगी।
इस मौके पर भाजपा नेता राजू पुजहर, रमेश मुर्मू, इंद्रकांत यादव, मनोज हांसदा, हराधन मरीक, विलियम मुर्मू, विनोद सोरेन, भरत बेसरा, अमित हांसदा, निर्मल बास्की, मनोहर हेम्ब्रम, राजेश टुडू, बाबूलाल हेम्ब्रम, राजीम टुडू, सनत मुर्मू, चुनु हांसदा, बबलू हांसदा,परिमल हांसदा, श्रीजल सोरेन, नुनुलाल मुर्मू, बिसा हांसदा, एलेबरोन हांसदा, राजेश हेम्ब्रम आदि मौजूद थे।
रिपोर्ट- बीरबल कुमार दर्वे