दुमका: आंगनबाड़ी सेविका का एकदिवसीय प्रशिक्षण संपन्न
दुमका: कठिन परिस्थितियों में जीवन बसर कर रहे बच्चों और उनके परिवार को चिन्हित करने हेतु आंगनवाड़ी सेविका का एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ।
यह अनूठा प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन दुमका एवं बाल कल्याण संघ, रांची के सहयोग से प्रखंड सभागार दुमका में आयोजित किया गया था। इस प्रशिक्षण का लक्ष्य इस प्रकार के बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना और उन्हें समाजीक सुरक्षा योजना से लाभान्वित करने हेतु चिन्हित करना था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दुमका सदर अंचल अधिकारी सह सीडीपीओ ने अपने संबोधन में कहा, “इस व्यापक प्रशिक्षण का उद्देश्य न केवल बच्चों की पहचान करना है, बल्कि उनके जीवन को संवारने के लिए दीर्घकालिक और स्थायी समाधान तैयार करना भी है।”
अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “हमारे समाज के सबसे वंचित वर्ग, विशेषकर बच्चों, की पहचान करना और उनकी सुरक्षा और अधिकार सुनिश्चित करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से हम न केवल इन बच्चों की पहचान कर सकेंगे, बल्कि उनकी सहायता के लिए प्रभावी रणनीतियाँ भी विकसित कर सकेंगे।”
प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रशिक्षक ओम प्रकाश तिवारी ने इस विषय पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “प्रशिक्षण कार्यक्रम उन बच्चों की पहचान और सहायता के लिए आयोजित किया गया जो अत्यधिक विपरीत परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे हैं, कठिन परिस्थितियों को मापने के लिय 29 कैटेगरी को समिलित किया गया है। इन बच्चों में आर्थिक रूप से कमजोर, स्वनाथ, बेसहारा, एकल माता पिता या ऐसे बच्चे शामिल हैं जिनके माता-पिता गंभीर बीमारियों या अन्य विकट परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। इस प्रशिक्षण का व्यापक दृष्टिकोण हमें समाज के सबसे कमजोर वर्ग तक पहुंचने में सक्षम बनाएगा। यह न केवल उनके मौजूदा संकट को हल करेगा बल्कि उनके भविष्य को भी सुरक्षित करेगा।” आज हम यहां कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे बच्चों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए एकत्रित हुए हैं। ये बच्चे हमारे समाज का सबसे कमजोर और संवेदनशील हिस्सा हैं, जिनकी रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका बचपन संघर्षों में न बीते, बल्कि उनके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, और सुरक्षा की सर्वोत्तम सुविधाएं उपलब्ध हों।
बाल कल्याण संघ के चंद्रशेखर मिश्र ने कहा इन परिवारों को सशक्त बनाने के लिए हमें ठोस और प्रभावशाली कदम उठाने होंगे, ताकि वे अपने बच्चों को एक सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य दे सकें। यह हमारा सामूहिक दायित्व है कि हम इन बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं।
रिपोर्ट- आलोक रंजन