दुमका: जर्जर पथ को दुरुस्त करने की मांग गरमाई
शिकारीपाड़ा(दुमका): आदिकाल से जर्जर एवं पक्की सड़क से वंचित ग्राम काड़ाकाटा के आदिम जनजाति समुदाय के आग्रह पर रविवार को समाज सेवी हाबिल मुर्मू सह आगामी विधानसभा चुनाव के संभावित निर्दलीय उम्मीदवार ने काड़ाकाटा के ग्रामीणों की सुधि ली और पड़ोसी ग्राम धरमपुर मोड़ से ग्राम काड़ाकाटा तथा छातुपाड़ा (तकरीबन दूरी-4 किमी) तक जर्जर पथ का जायजा लिया।
काड़ाकाटा ग्राम के ग्रामीणों ने आदिकाल से अपने दैनिक आवागमन के दुखद दास्तान को सुनाते हुए कहा कि हमें जानबूझकर विकास से वंचित किया जा रहा है। पड़ोसी ग्राम धरमपुर मोड़ से काड़ाकाटा-छातुपाड़ा तक जर्जर पथ होने के कारण दैनिक आवागमन और बीमार व्यक्तियों को अस्पताल तक ले जाने में ऐंबुलेंस सेवा नसीब नहीं हो पाता है। हमें आज भी किस्मत के भरोसे जीने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ग्राम काड़ाकाटा से सिमानीजोर पंचायत सचिवालय और सरकारी राशन दुकान, कौड़ीगढ़ जाने के लिए तकरीबन पंद्रह किलोमीटर दूरी की घुमावदार रास्ता पर निर्भर होना पड़ता है। ग्राम काड़ाकाटा के गर्भवती व धात्री माताओं और बच्चों को दो किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित पड़ोसी ग्राम धरमपुर जाना पड़ता है। जिससे वे ससमय पोषाहार और सेवा-सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं।
इस दरम्यान समाज सेवी हाबिल मुर्मू ने काड़ाकाटा ग्राम के ग्रामीण महिला-पुरूषों के साथ मिलकर जर्जर ग्रामीण पथ का जायजा लिया और नारे लगाकर जिला प्रशासन से यथाशीघ्र धरमपुर मोड़ से भाया काड़ाकाटा-छातुपाड़ा तक तकरीबन 4 किलोमीटर पक्की सड़क निर्माण कराने की माँग की गई। ज्ञात हो कि धरमपुर मोड़ से काड़ाकाटा- छातुपाड़ा तक सड़क निर्माण कराये जाने पर ग्रामीणों की आवागमन दूरी को अत्यधिक कम किया जा सकता है।
महिलाओं ने ग्राम काड़ाकाटा पर मिनी आँगनबाड़ी केन्द्र स्थापना कराने की अतिरिक्त विशेष माँग की।
इस मौके पर समाज सेवी हाबिल मुर्मू ने जिला प्रशासन से यथाशीघ्र आदिम जनजाति ग्राम काड़ाकाटा के लिए पक्की सड़क निर्माण करने, मिनी आँगनबाड़ी केन्द्र स्थापना करने और उन्हें विकास से जोड़ने का विशेष पहल करने का माँग किया।
इस मौके पर ग्रामीण कृष्ण देहरी, पोके देहरी, रविन्द्र देहरी, सिंघाई गृही, गोरा देहरी, बुधनी रानी, ममता रानी, सुखी रानी, बड़ा रावड़ी रानी, जोसेफ किस्कू, धरबेन मुर्मू सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।
संवाददाता: आलोक रंजन