निबंध लेखन प्रतियोगिता में अनुप्रिया, सोहानी, अंजलि व अनिशा अव्वल
देवघर: अभियंता दिवस भारत में प्रत्येक वर्ष ’15 सितम्बर’ को मनाया जाता है। इसी दिन भारत के महान् अभियंता और ‘भारतरत्न’ प्राप्त मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म दिवस होता है। आज भी मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को आधुनिक भारत के विश्वकर्मा के रूप में बड़े सम्मान के साथ स्मरण किया जाता है। अपने समय के बहुत बड़े इंजीनियर, वैज्ञानिक और निर्माता के रूप में देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाले डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को भारत ही नहीं, वरन् विश्व की महान् प्रतिभाओं में गिना जाता है। उनकी जयंती के अवसर पर स्थानीय साइंस एंड मैथेमेटिक्स डेवेलोपमेंट आर्गेनाईजेशन के बैनर तले निबन्ध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था।
आज देवघर जिला का परिणाम की घोषणा की गई। राष्ट्रीय अभियंता दिवस, शीर्षक निबन्ध लेखन प्रतियोगिता के ग्रुप बी (सर्व साधारण के लिए) में रमा देवी बाजला महिला महाविद्यालय की अनुप्रिया कुमारी, सोहानी साह को क्रमशः प्रथम व द्वितीय जबकि इसी महाविद्यालय की अंजलि केशरी व अनिशा कुमारी को युग्म रूप से जिला में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। सभी विजेताओं को आगामी 2 अक्टूबर दीनबंधु उच्च विद्यालय स्थित रवींद्र सभागार में साइंस फॉर सोसाइटी, देवघर के अध्यक्ष प्रो. रामनंदन सिंह, साइंस आर्गेनाईजेशन के अध्यक्ष डॉ. जय चन्द्र राज, राष्ट्रीय सचिव डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव, दीनबंधु के प्रधानाध्यापक काजल कांति सिकदार एवं अन्य अतिथियों के करकमलों से पुरस्कृत किया जाएगा। मौके पर डॉ. देव ने कहा – भारत की आज़ादी के बाद नये भारत के निर्माण और विकास में प्रतिभावान इंजीनियरों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। गांव एवं शहरों के समग्र विकास के लिए सड़कों, पुल-पुलियों और सिंचाई जलाशयों सहित अधोसंरचना निर्माण के अनेक कार्य हो रहे हैं। हमारे इंजीनियरों ने अपनी कुशलता से इन सभी निर्माण कार्यो को गति प्रदान की है। राज्य और देश के विकास में इंजीनियरों के इस योगदान के साथ-साथ ‘अभियंता दिवस’ के इस मौके पर ‘भारतरत्न’ सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की प्रेरणादायक जीवन गाथा को भी याद किया जाता है। एक सौ एक वर्ष का यशस्वी जीवन जीने वाले मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया सदैव भारतीय आकाश में अपना प्रकाश बिखेरते रहेंगे। भारत सरकार द्वारा 1968 ई. में डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जन्म तिथि को ‘अभियंता दिवस’ घोषित किया गया था। तब से हर वर्ष इस पुनीत अवसर पर सभी भारतीय अभियंता एकत्रित होकर उनकी प्रेरणादायिनी कृतित्व एवं आदर्शो के प्रति श्रद्धा-सुमन अर्पित कर अपने कार्य-कलापों का आत्म विमोचन करते हैं और इसे संकल्प दिवस के रूप में मनाने का प्रण लेते हैं। संकल्प अपने दायित्वों एवं कर्तव्यों का समर्पित भाव से निर्वहन करते हैं।