सात दिवसीय जीवन विद्या शिविर का हुआ समापन
देवघर (19 सितम्बर): सेवाधाम, देवघर में दिव्यपथ संस्थान, अमरकंटक के तत्त्वावधान में आयोजित सप्त दिवसीय जीवन विद्या शिविर आज अत्यंत भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य मध्यस्थ दर्शन को समाज के हरेक लोगों तक बात पहुंचाने का था जिसे आज के समय की शिक्षा के मौलिक उद्देश्य को पूरा करने का एक सार्थक माध्यम है। शिविर में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों ने अपने विचारों में जीवन विद्या के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि यह वर्तमान शिक्षा प्रणाली को एक नया और गहन दृष्टिकोण प्रदान करता है एवम वो मध्यस्थ दर्शन को समझना और जीना चाहते हैं ।
शिविर में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि मध्यस्थ दर्शन अनुप्राणित जीवन विद्या आज के क्लासरूम शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह दर्शन न केवल व्यक्तिगत जीवन में संतुलन और खुशहाली लाने में सहायक है, बल्कि समाज के सभी वर्गों और उम्र के लोगों के जीवन को भी बेहतर बना सकता है। इस शिक्षा प्रणाली के जरिये मानव के समग्र विकास और जीवन की वास्तविक आवश्यकताओं को समझने में मदद मिलती है।
शिविर के दौरान, प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए शिविर के प्रबोधक श्रीराम नरसिम्हन भैया के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शिविर समाज के सभी वर्गों को एकजुट करने और शिक्षा के माध्यम से मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रतिभागियों ने मध्यस्थ दर्शन के अध्ययन के प्रति अपनी गहरी रुचि व्यक्त की और इस विचारधारा को आगे बढ़ाने की इच्छा जताई।
इस सप्त दिवसीय शिविर में देश के विभिन्न राज्यों से और स्थानीय क्षेत्र से भी लगभग 90 से अधिक लोगों ने भाग लिया। शिविर की सफलता ने यह दर्शाया कि समाज के सभी वर्गों में इस प्रकार की शिक्षा की आवश्यकता और स्वीकार्यता बढ़ रही है। शिविर के समापन के अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने दिव्यपथ संस्थान और आयोजकों का आभार व्यक्त किया और भविष्य में इस तरह के और शिविर आयोजित करने की इच्छा जाहिर की।