सीपीआर का प्रयोग कर मृतप्राय व्यक्तियों को दिया जा सकता है जीवन: डॉ किशोर झुनझुनवाला
इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी, देवघर अपने सदस्यों और नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रति काफी संवेदनशील है और इसी क्रम में कई बार चिकित्सा शिविरों का आयोजन कर सदस्यों और नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच तथा समुचित ईलाज की व्यवस्था इनके द्वारा नियमित रूप से की जाती रही है।
इसी कड़ी में 28 सितम्बर को देवघर मे जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटना, रेडक्रॉस सोसायटी, देवघर के समन्वय में एवं 45 अन्य संस्थानों के संयुक्त तत्वाधान में हृदय रोगों से बचाव एवं गोल्डन आवर में सीपीआर आधारित प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में तकनीकी वक्ता के रूप में डॉ किशोर झुनझुनवाला, निदेशक – क्रिटिकल केयर मेडिसिन, जय प्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पटना, डॉ. ज्योतिष चंद्र पांडे
निदेशक एनेस्थिसियोलॉजी, जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटना उपस्थित रहे। उक्त कार्यक्रम में इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी, देवघर के वाईस-चैयरमैन श्री पियूष जायसवाल, सचिव निरंजन कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष राजकुमार बरनवाल, जिला प्रतिनिधि आनंद साह, कार्यकारिणी सदस्य संगीता सुल्तानियां, संजय मिश्रा, अर्चना भगत, उमा छावछरिया, सुधार बरनवाल, विजय प्रताप सनातन, मयंक राय, देवनंदन झा, अभिषेक नेवर, आजीवन सदस्य कृष्णा केशरी, आलोक मल्लिक, नंदलाल पंडित, ममता गुप्ता आदि उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक युवाओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं व रेडक्रॉस यूथ विंग सदस्यों एवं अन्य नागरिकों ने भाग लिया और सी पी आर प्रशिक्षण प्राप्त किया ।
डॉ किशोर झुनझुनवाला, निदेशक – क्रिटिकल केयर मेडिसिन, जय प्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पटना द्वारा अपने मुख्य उद्बोधन में कहा गया कि वर्तमान समय में जीवन शैली तथा फिटनेस पर ध्यान देना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक तथा कार्डियक अरेस्ट के मामले बढ़ते जा रहे हैं तथा इसकी रोकथाम तथा जीवन रक्षा में सहायक सीपीआर पर सामूहिक जागरूकता अत्यंत ही आवश्यक है, इससे ना केवल जिंदगियां बचाई जा सकती हैं, बल्कि इससे स्वस्थ रह कर कार्यों एवं दायित्वों का समुचित निर्वहन किया जा सकता है।
श्री पियूष जायसवाल ने बताया की इस प्रकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम हमारे सदस्यों के सहयोग से विभिन्न जगहों पर आयोजित किए जाएंगे ताकि लोगों के जीवन की रक्षा की जा सके। रेडक्रॉस सचिव डाॅ निरंजन कुमार सिंह ने कहा कि स्वस्थ जीवन शैली मनुष्य की कार्य क्षमता को बढ़ाने में सहायक है। इस तरह का प्रशिक्षण सदस्यों को स्वस्थ तथा फिट रखने में सहायक सिद्ध होगा और आपातकालीन स्थिति में जीवनरक्षक होगा ।
पियूष जायसवाल व निरंजन कुमार सिंह ने आगे बताया कि जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की यह मुहिम सराहनीय है। समाज सेवा के क्षेत्र में यह एक रोल मॉडल है। स्वस्थ और बेहतरीन भारत के निर्माण हेतु यह बेहद ही आवश्यक है। इससे कई हजार लोगों की जिन्दगियां बचायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि सभी व्यक्तियों को सीपीआर के प्रयोग के बारे में अच्छे तरीके से जानकारी होनी चाहिए। न जाने कब किसको सीपीआर की आवश्यकता हो जाय, यह कहना कठिन है। इसलिए सभी को सीपीआर के प्रयोग की जानकारी अवश्य होनी चाहिए।
आगे डॉ किशोर झुनझुनवाला ने सीपीआर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह अस्पताल पूर्व तकनीक बेहद साधारण है तथा इसका सदुपयोग कर विभिन्न दुर्घटनाओं, आपदाओं, हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट जैसी परिस्थितियों में प्रभावित व्यक्तियों के जीवन को गोल्डन आवर में त्वरित प्रतिक्रिया कर बचाया जा सकता है। उनके द्वारा पीपीटी प्रस्तुतीकरण व एसडीआरएफ टीम के सहयोग से प्रदर्शन कर सीपीआर की संपूर्ण कार्य प्रणाली पर तकनीकी जानकारी दी गई। उनके द्वारा ऐसी परिस्थितियों से बचाव हेतु कई महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए गए। उन्होंने कोलेस्ट्रॉल कम करने तथा डायबिटीज पर नियंत्रण सलाह दी। उन्होंने कहा कि जिम में सामान्य एक्सरसाइज करें, अत्यधिक एक्सरसाइज स्वास्थ के लिए घातक है। उन्होंने प्रतिभागियों को विभिन्न बीमारियों से बचाव हेतु कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए। हार्ट अटैक तथा कार्डियक अरेस्ट के अंतर पर जानकारी देते हुए कहा कि हार्ट अटैक में व्यक्ति की मृत्यु तुरंत होने की संभावना कम होती है परंतु कार्डियक अरेस्ट में व्यक्ति की मृत्यु तुरंत होने की संभावना होती है। दोनों परिस्थितियों में प्रभावित व्यक्ति को तुरंत सीपीआर देना बेहद प्रभावी होता है।
पटना से आये एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम द्वारा बताया गया कि पूरे विश्व में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। हृदय रोगों के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। हार्ट अटैक तथा कार्डिक अरेस्ट की स्थिति में सीपीआर देकर व्यक्ति को बचाया जा सकता है। सीपीआर के प्रयोग की जानकारी हर व्यक्ति को होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उदेश्य है कि सीपीआर के माध्यम से लोगों की जिन्दगी बचायी जा सके।
किसी व्यक्ति के आकस्मिक कारणों से जैसे कि सड़क दुर्घटना, हार्ट अटैक, पानी में डूब जाना, बिजली का झटका लगना आदि के परिणामस्वरूप हृदय की धड़कन बंद होने या अनियंत्रित होने से बेहोशी या मरणासन्न जैसे अवस्था में पहुंचने पर हृदय एवं श्वसन प्रक्रिया को पुनः स्थापित करने की आपातकालीन प्रक्रिया को सीपीआर करते हैं। सीपीआर का फुलफॉर्म कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन है। यह एक लाइफ सेविंग टेक्निक है।
उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति के अचानक हृदय की धड़कन बंद होने पर मस्तिष्क एवं शरीर के विभिन्न अंगों को जीवित रखने वाला रक्त प्रवाह बंद हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर में ऑक्सीजन की कमी होनी लगती है और पहले मस्तिष्क और फिर सारे अंग मृत हो जाते हैं। ऐसे में यदि मरीज को सीपीआर दिया जाय तो उसकी जान बच सकती है। यह प्रक्रिया अस्पताल के बाहर दुर्घटनास्थल पर किया जा सकता है ।
इस कार्यक्रम में देवघर के कई महत्वपूर्ण सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने भाग लिया व प्रशिक्षण प्राप्त किया।
कार्यक्रम के समाप्ति के उपरांत सभी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सदस्यों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया ।