4 अक्टूबर: विश्व पशु कल्याण दिवस
विश्व पशु कल्याण दिवस प्रतिवर्ष 4 अक्टूबर को मनाया जाता है। वर्तमान में जानवरों की सुरक्षा सबसे बड़ा विषय बनकर रह गया है। पिछले 40-50 सालों में जानवरों की स्थिति इतनी बद्तर हुई है, जिसका अंदाजा लगाने से भी रूह कांप जाती है। जानवरों में पिछले 1970 से 2010 के मध्य लगभग 50 प्रतिशत कमी आयी है। आज की दुनिया में मानव खुद जानवर बनता चला जा रहा है। एनातोले फ्रांस ने कहा था कि- “जब तक इंसान किसी जानवर से प्रेम नहीं करता, तब तक उसकी आत्मा का एक हिस्सा सोया हुआ होता है।”
एक सर्वे में जारी रिपोर्ट में पता चला कि प्रत्येक वर्ष विश्वभर में लगभग 56 अरब जानवरों की हत्या कर दी जाती है, चाहे वह धार्मिक उद्देश्य से हो या अन्य कारणों से। दुनिया भर में हर सेकेण्ड लगभग 3000 जानवरों की मृत्यु हो जाती है। इस सृष्टी के रचयिता ने दुनिया में सभी को समान जीवन का अवसर प्रदान किया है, परन्तु मनुष्य स्वार्थरत जानवरों की बलि चढ़ा देता है, जिसका प्रभाव समाज एवं पर्यावरण में सीधे तौर पर पड़ा है। विश्व पशु कल्याण दिवस एक अन्तरराष्ट्रीय दिवस है। यह दिन असीसी केसेंट फ्रांसिस का जन्मदिवस भी है जो कि जानवरों के महान संरक्षक थे। विश्व पशु कल्याण दिवस मनाने की शुरुआत 1931 ईस्वी में परिस्थिति विज्ञानशास्त्रियों के सम्मलेन में इटली के शहर फ्लोरेंस में की गयी थी। इस दिवस का मूल उद्देश्य पशु कल्याण मानकों में सुधार करना और व्यक्तियों, समूह और संगठनों का समर्थन प्राप्त करना और जानवरों के प्रति प्यार प्रकट करना ताकि उनका जीवन सक्षम और बेहतर हो सके। इस कारण से यह दिवस “पशु प्रेमी दिवस” के रूप में जाना जाता है। यह एक बेहतरीन दिवस है, जो विश्व भर के लोगों का जानवरों के प्रति प्यार प्रकट करने का महत्वपूर्ण दिवस है, लेकिन इस दिवस के उजागर होने के पीछे भी कई कारण जिम्मेदार हैं। इन सभी तथ्यों में जानवरों के प्रति प्रकट किये जाने वाले घृणास्पद व्यवहार, आवारा कुत्तों और बिल्ल्लियों के प्रति व्यवहार, उनका अमानवीय व्यापार आदि भी प्रमुख कारण थे। इसके अलावा किसी प्राकृतिक आपदा के समय भी इन जानवरों के प्रति दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता था और उनकी सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरती जाती थी। पशु कल्याण के लिए अनेकों क़ानूनों और अधिनियमों की भी व्यवस्था की गयी है, जैसे- “पशु क्रूरता अधिनियम 1835” जोकि विश्व में जानवरों के सन्दर्भ में प्रथम अधिनियम है जिसकी स्थापना ब्रिटेन में की गयी थी। इसके पश्चात “पशुसंरक्षण अधिनियम 1911” प्रकाश में आया। जिसके परिणामस्वरूप जानवरों की रक्षा के लिए “पशु कल्याण अधिनियम, 1966″ नामक अमेरिकी राष्ट्रीय क़ानून प्रकाश में आया। भारत में पशुओं की सुरक्षा के लिए “जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम अधिनियम 1966″ को लाया गया।