देवघर (शहर परिक्रमा)

भारतीय संस्कृति सर्वधर्म समभाव का द्योतक: सुबोध झा

हमारा देश मनीषियों का देश है जिसमें सभी धर्मों के महापुरुषों का योगदान स्वर्णाक्षरों से लिखा है और उन्हें हम समाज के आदर्श स्वरुप गर्व से याद करते हैं। जाति, धर्म सम्प्रदाय हमें तोड़ने का कार्य करती है। हमारा धर्म भारतीयता, कर्तव्य देश को समग्र रूप से शक्तिशाली बनाना ही है।

उपरोक्त बातें देवघर सेंट्रल स्कूल के प्राचार्य ने महामनस्वी डॉ ऐ पी जे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर उनके विचारों को प्रेषित करते हुए कहा।

उन्होंने बतलाया कि कलाम का जीवन भारतीयता का प्रतीक है जो देश सेवा को अपना परम धर्म मानते थे। एक छोटे से टापू में पैदा होने के बाद भी उन्होंने हमारे देश के सर्वोच्च पद 11वें राष्ट्रपति के रूप में सुशोभित किया। वह हमारे देश के पहले गैरराजनीतिक राष्ट्रपति बने जो अपने विशिष्ट कार्यकाल के लिए हमेशा याद किये जाएंगे। कलाम साहब सिर्फ हमारे देश के लिए ही नहीं अपितु समस्त विश्व के महानतम विभूति थे और इसी चलते उनके जन्मदिवस को अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस के रूप में 2010में संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा घोषित किया गया। सर्वप्रथम शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने कलाम साहब के तस्वीर पर पुष्पांजलि के रूप में श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस अवसर पर विविन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। कलाम के बाल्यकाल पर बोलते हुए मंतशा ने बताया कि कलाम साहब मुस्लिम होते हुए भी उनके दोस्त कट्टर ब्राह्मण परिवार के बच्चे थे जिनमें से एक बाद में रामेश्वरम मंदिर के प्रधान पुजारी नियुक्त हुए।

आराध्या ने उनके बारे में बोलते हुए कहा कि बचपन से ही उनमें जिज्ञासा व स्वाबलंबन की भावना थी जो उनके महानतम जीवन का आधार था। उनमे लाचारों को मदद करने की प्रेरणा माँ से सुत्र पात हुआ। उनके पिता एक खुद्दार इंसान थे जो गरीबी में भी अपने कर्तव्य पथ से कभी भी विचलित नहीं हुए। आयुष ने उनके विचारों को आधुनिक समाज में और संप्रेषित करने की वकालत की। आदित्य ने उनको मिसाइल पुरूष क्यों कहा जाता है कि वयाख्या की और भारत के सुरक्षा में तकनीकी के इस्तेमाल से विश्व गुरु बनने के संकल्प को बतलाया। आलोक ने उनके घरको राष्ट्रीय स्मारक बनाने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया ताकि आने वाली पीढ़ियों को उनसे प्रेरणा मिलती रहे।निबंध लेखन में अनेक बच्चों ने भाग लिया। सूक्ति लेखन में बच्चों ने कलाम को आधुनिक युग के विवेकानंद की उपाधि से नवाजा।

कार्यक्रम का संचालन सुकान्त सरकार ने किया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक व शिक्षिकाएं भी उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन दिलीप कुमार पांडेय के द्वारा सम्पन्न हुआ।