डीएवी कोडरमा में लगी लोक कला प्रदर्शनी
डीएवी कोडरमा ने बच्चों के सतत विकास प्रक्रिया के अंतर्गत लोक कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जिसमें विद्यालय के सभी बच्चों ने भाग लिया। इस प्रदर्शनी को सदनों में बॉंटा गया। जिसमें विद्यालय के सभी बच्चों ने सदन अंतर्गत अपनी कला को प्रस्तुत किया। बच्चों ने मंडला, वारली, पिथोरा, बाटिक, मधुबनी, सोहराय जैसी लोक कलाओं को प्रदर्शित किया। एक से बढ़कर एक सुंदर चित्रों ने सभी का मन मोह लिया।
जिसमें प्रथम स्थान पर रामकृष्ण सदन की नंदिनी, राजा राममोहन सदन की प्रियांशी, विवेकानंद सदन की सृष्टि और प्रकृति घोष रहीं। द्वितीय स्थान पर रामकृष्ण सदन की श्रेया ,स्मृति श्वेता, संजना और विवेकानंद सदन की अंजलि प्रिया रहीं। तृतीय स्थान पर विवेकानंद सदन की शानवी कृष्णा, मोहम्मद आबान आबिद, दयानंद सदन की अनुष्का, इशिका और रामकृष्ण सदन की ममता यादव और वेहांत राज रहे। चारों सदनों में सर्वश्रेष्ठ रामकृष्ण सदन को घोषित किया गया। निर्णायक की भूमिका संगीता जेठवा, श्वेता सिंह और कीर्ति कुमारी ने निभाई। विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह बच्चों की अद्भुत प्रतिभा देखकर अत्यंत प्रसन्न दिखाई दिए। उन्होंने बच्चों को लोक कला के बारे में जानकारी देते हुए कहा,लोक कला, दुनिया भर के समुदायों की सांस्कृतिक विरासत में गहराई से निहित है, कलात्मक अभिव्यक्ति का एक जीवंत और आकर्षक रूप है। परंपराओं को संरक्षित करने, कहानियों को व्यक्त करने और पीढ़ियों के लोगों को जोड़ने की इसकी क्षमता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने सभी कलाकारों की भूरि भूरि प्रशंसा की और इसी तरह एक से एक बढ़कर कलाओं को सीखने का सुझाव दिया।