याददाश्त कैसे बढ़ाएं? यहाँ पढ़ें….
टाइपिंग की तुलना में हाथ से लिखने से सीखने और याददाश्त बनाए रखने में कई फायदे होते हैं। शोध से पता चलता है कि लिखने का शारीरिक कार्य मस्तिष्क को अधिक गहराई से संलग्न करता है और बेहतर समझ और स्मरण को बढ़ावा देता है। उसकी वजह यहाँ है:
- उन्नत संज्ञानात्मक प्रसंस्करण: हाथ से लिखने के लिए टाइपिंग की तुलना में अधिक मानसिक प्रयास की आवश्यकता होती है, क्योंकि इसमें ठीक मोटर कौशल और जटिल तंत्रिका गतिविधि शामिल होती है। यह प्रयास मस्तिष्क में स्मृति मार्गों को मजबूत करता है।
- बेहतर सूचना प्रतिधारण: जब आप हाथ से नोट्स लिखते हैं, तो आप जानकारी को संक्षेप में प्रस्तुत करने और व्याख्या करने की अधिक संभावना रखते हैं, जो गहन प्रसंस्करण को बढ़ावा देता है। टाइपिंग से अक्सर शब्दशः प्रतिलेखन होता है, जिसमें सामग्री के साथ उतना सक्रिय जुड़ाव शामिल नहीं हो सकता है।
- बेहतर समझ: हाथ से लिखने से आपकी गति धीमी हो जाती है, जिससे जानकारी को संसाधित करने और उसे आत्मसात करने में अधिक समय लगता है। यह सुविचारित गति विचारों के बीच मजबूत संबंध को प्रोत्साहित करती है।
- स्थानिक मेमोरी: हस्तलिखित नोट्स में अक्सर अद्वितीय लेआउट होते हैं, जैसे डूडल, तीर, या रेखांकित, जो दृश्य संकेत बनाते हैं जो मेमोरी में सहायता करते हैं। टाइप किए गए नोट एक समान दिखते हैं, जिससे ये संकेत कम हो जाते हैं।
- रचनात्मकता में वृद्धि: लेखन का स्पर्शनीय अनुभव रचनात्मकता और आलोचनात्मक सोच से जुड़े मस्तिष्क क्षेत्रों को उत्तेजित करता है। यह विचार-मंथन और समस्या-समाधान में अधिक लचीलेपन की अनुमति देता है।
अध्ययनों से पता चला है कि जो छात्र हस्तलिखित नोट्स लेते हैं, वे उन परीक्षणों में बेहतर प्रदर्शन करते हैं जिनमें अपने नोट्स टाइप करने वालों की तुलना में वैचारिक समझ की आवश्यकता होती है। जबकि टाइपिंग तेज़ और अधिक सुविधाजनक है, लिखावट सामग्री के साथ गहरा संबंध बनाती है, जिससे यह सीखने और स्मृति के लिए एक मूल्यवान उपकरण बन जाती है।
-लेखक विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल शैक्षिक स्तंभकार हैं।