देवघर (शहर परिक्रमा)

शोधार्थियों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत करने के बाद संपन्न हुआ दो दिवसीय अंतरविषयक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार

दिनांक 30 दिसंबर 2024 को डॉ जगन्नाथ मिश्रा महाविद्यालय, जसीडीह में दो दिवसीय अंतरविषयक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का अंतिम सत्र के साथ समापन कार्यक्रम हुआ।आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ अशोकानंद झा, उपाध्यक्ष, तक्षशिला विद्यापीठ, देवघर, विशिष्ट अतिथि इग्नू क्षेत्रीय केंद्र, देवघर के निदेशक डॉ पी शरतचंद्रा, डॉ मनोज कुमार मिश्रा, पूर्व प्रोफेसर, सलाले विश्वविद्यालय, इथोपिया, डॉ सरोज कुमार मिश्र, सहायक निदेशक, इग्नू क्षेत्रीय केंद्र, देवघर उपस्थित थे।
पहले सत्र में बीस शोधार्थी ने द्वारा शोध विषय की शोध पत्र प्रस्तुत किया। शोधार्थी सुमन कुमारी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और सार्वजनिक पुस्तकालयों का समग्र योगदान ज्ञान के संवर्धन का नया युग स्वाति कुमारी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक अनुचिंतन एवं विमर्श रुपलता कुमारी द्वारा बिहार के प्रमुख गजल कारों की कृति में राष्ट्रीय झलक एक विश्लेषण कुमारी पुष्पांजलि स्वरूप द्वारा वैश्वीकरण के दौर में साहित्य में चित्रित नारी की दशा राजीव रंजन द्वारा आधुनिक समय में कौटिल्य के अर्थशास्त्र की प्रासंगिकता एक विश्लेषणात्मक अध्ययन भुवनेश्वर मांझी द्वारा कौटिल्य का सपांग सिद्धांत और इसकी प्रासंगिकता वेदिका एवं प्रशांत कुमार द्वारा मिथिला की ज्ञान परंपरा एक अध्ययन चंदन कुमार वर्मा द्वारा आर्थिक विकास में प्रधानमंत्री आवास योजना का योगदान का शोध पत्र का प्रस्तुतीकरण किया सभी विशेषज्ञों ने शोध पत्र विषय के बारे में शोधार्थियों से प्रश्न उत्तर किया गया।
सभी शोध पत्र की प्रस्तुति ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों मोड में की गई थी विशेषज्ञ भी कुछ मंच पर उपस्थित एवं विदेश के विशेषज्ञ ऑनलाइन से जुड़े हुए थे।


मौके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ सरोज कुमार मिश्रा द्वारा अतिथिगण, आयोजक समिति एवं शोधार्थियों का अभिवादन एवं आभार प्रकट किया आज के मुख्य अतिथि अशोकानंद झा द्वारा भारतीय ज्ञान की परंपरा को किस प्रकार आगे बढ़ाया जाए एवं इसके विरासत की भी चर्चा की उन्होंने अपनी ओर से शोधार्थियों को शुभकामनाएं दी।
प्रोफेसर रामानंद सिंह द्वारा भी आयोजन समिति को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शोधार्थियों के लिए आपने एक ऐसा मंच दिया जिससे उनके शोध पत्र को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया।
इग्नू अध्ययन केंद्र अत 7012 के सहायक समन्वयक प्रोफेसर अनंत कुमार सिन्हा ने भारतीय ज्ञान का मूल तत्व मन की शांति, और मन की शांति स्थिरता से आएगी। स्थिरता के लिए ध्यान की आवश्यकता होती है। ध्यान बिना गुरु ज्ञान के बिना संभव नहीं है।”गुरु बिन ज्ञान नहीं, गुरु बिन ध्यान नहीं”।।
आज का मंच संचालन डॉ विजय शंकर द्वारा की गई। उन्होंने ज्ञान की गंगा अविरल धारा का प्रवाह अकिंचन रूप से अतिथियों एवं शोधार्थियों के बीच किया।
अंत में इग्नू अध्ययन केंद्र के समन्वयक डॉ रामकृष्ण चौधरी ने कार्यक्रम का समापन सभी अतिथियों एवं शोधार्थियों का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का सफलता पूर्वक संपन्न कराने में महाविद्यालय के शासी निकाय के सचिव विकास चंद्र मिश्र, प्राचार्य हिमांशु शेखर दुबे, डॉ किशोर कुमार झा, प्रो अनन्त कुमार सिन्हा, परशुराम प्रसाद राय, अमरेंद्र पाठक, आशीष दास, महादेव पंडित, चन्द्र किशोर चौधरी, जय चंद यादव, शिरोमणि राय, संजय गुप्ता, शिव नारायण यादव, उमेश यादव ने तन मन धन से सहयोग किया।
शुभा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के निदेशक हिमांशु देव के परिश्रम एवं सक्रियता के कारण यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।