सुरक्षित ड्राइविंग के लिए उपायुक्त ने दिए ड्राइविंग टिप्स
दुमका: रन फोर सेफ्टी के साथ ही सड़क सुरक्षा माह 2025 के समापन समारोह के अवसर पर इंडोर स्टेडियम दुमका के बाहरी प्रशाल में दिन गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में जिले के उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे ने कहा कि सड़क दुर्घटनाएँ लगातार बढ़ती ही जा रही है, प्रतिदिन लोगों की मौत हो रही है। लोग गंभीर दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं। कभी कोई बच्चा खो रहा है तो कोई पति, कोई पत्नी, कभी कोई अपना माँ-बाप खो रहा है तो कोई अपना खास सगा-संबंधी। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी भी असावधानी जीवन में एक बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में जितने लोगों की मौत हुई है, उससे अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इसपर अंकुश लगाया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह सावधानी सिर्फ वर्तमान के ही लिये नहीं, अपितु भविष्य के लिए भी होनी चाहिये।
पुलिस अधीक्षक पीताम्बर सिंह खेरवार ने कहा कि सड़क पर बाइक / फोर व्हीलर ड्राइविंग/ राइडिंग के समय हेलमेट और सीट-बेल्ट का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जो लोग इन सावधानियों का ध्यान नहीं रखते, उन्हें दुर्घटनाओं से नहीं बचाया जा सकता। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला परिवहन पदाधिकारी जय प्रकाश करमाली ने कहा कि शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर वाहन जाँच की प्रक्रिया नियमित अपनायी जाएगी, ताकि सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता के साथ साथ उन्हें चेतावनी भी दी जा सके।
इस अवसर पर जिले के अन्य प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारियों के अलावे सभी 3 प्रशिक्षु मोटर यान निरीक्षक, एस पी कॉलेज के विभिन्न हॉस्टलों के छात्र, सड़क सुरक्षा समिति के सदस्यगण यथा डॉ. अमरेन्द्र सुमन, मो मुस्ताक अली, रमण कुमार वर्मा, नीलकंठ झा, प्रदीप्त मुखर्जी, सुरेश साह, सड़क सुरक्षा कोषांग के जिला मैनेजर दीपक कुमार, मनोज उरांव, अमित कुमार व अन्य मौजूद थे। इससे पूर्व अंबेडकर चौक (डीसी चौक) से प्रारम्भ हुआ रन फोर सेफ्टी निजी बस पड़ाव होते हुए इंडोर स्टेडियम पहुँची जहाँ यह सभा में परिणत हो गई, और फिर डीसी दुमका ने उसे संबोधित किया।
सुरक्षित ड्राइविंग के लिए 10 ज़रूरी सड़क सुरक्षा नियम:-
हमेशा सीटबेल्ट पहनें: सीटबेल्ट पहनना सबसे आसान और सबसे कारगर सुरक्षा उपाय है। चाहे आप आगे की सीट पर बैठे हों या पीछे की सीट पर, सीटबेल्ट पहनने से दुर्घटना की स्थिति में चोट लगने का जोखिम काफ़ी हद तक कम हो सकता है।
ट्रैफ़िक सिग्नल का पालन करें: सड़क पर अनुशासन बनाए रखने के लिए ट्रैफ़िक सिग्नल का पालन करना ज़रूरी है। सिग्नल की अनदेखी करने से न सिर्फ़ आपकी बल्कि सड़क पर चलने वाले दूसरे लोगों की जान भी जोखिम में पड़ती है।
ध्यान भटकाने वाली चीज़ों से बचें: गाड़ी चलाते समय ध्यान केंद्रित रखें। मोबाइल फ़ोन या किसी दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल करने से बचें जिससे आपका ध्यान सड़क से भटक सकता है।
तेज़ रफ़्तार से गाड़ी न चलाएँ: तेज़ रफ़्तार से गाड़ी चलाना सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण है। अपनी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमेशा गति सीमा के भीतर ही गाड़ी चलाएँ।
सुरक्षित दूरी बनाए रखें: अचानक रुकने की स्थिति में पर्याप्त प्रतिक्रिया समय के लिए अपने वाहन और आगे वाले वाहन के बीच 3 सेकंड का अंतर रखें।
नियमित ब्रेक लें: लंबी ड्राइव थका देने वाली हो सकती है। थकान से निपटने के लिए बार-बार ब्रेक लें, खासकर लंबी यात्राओं के दौरान, क्योंकि थकान आपकी प्रतिक्रिया समय को खराब कर सकती है।
धैर्य रखें: सुरक्षित ड्राइविंग के लिए धैर्य बहुत ज़रूरी है। जल्दबाजी में फ़ैसला लेने से बचें और अधीरता के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ट्रैफ़िक जाम में भी शांत रहें।
खराब मूड में गाड़ी चलाने से बचें: क्रोध और हताशा जैसी भावनाएँ निर्णय लेने की क्षमता को कम कर सकती हैं। अगर आप तनाव महसूस कर रहे हैं, तो जब तक आप शांत महसूस न करें, तब तक गाड़ी चलाने से बचना सबसे अच्छा है।
सड़क को सुरक्षित तरीके से पार करें: हमेशा ज़ेबरा क्रॉसिंग का इस्तेमाल करें और सड़क पार करने से पहले आने वाले ट्रैफ़िक की जाँच ज़रूर करें। यह खास तौर पर भारी ट्रैफ़िक वाले शहरी इलाकों में ज़रूरी है।
खराब मौसम के दौरान सावधान रहें: बारिश, कोहरा और अन्य प्रतिकूल मौसम की स्थिति दृश्यता को कम कर सकती है और सड़कों को फिसलन भरा बना सकती है। ऐसी परिस्थितियों में, खासकर पहाड़ी इलाकों में, धीरे और सावधानी से गाड़ी चलाएँ।