अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा का राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न
जगन्नाथ पुरी: अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा का राष्ट्रीय अधिवेशन 22-23 मार्च को आयोजित हुआ। इस अधिवेशन में भारतवर्ष के 105 तीर्थों से आए हुए प्रतिनिधि और 300 पुरोहितों प्रतिनिधियों का समागम/अधिवेशन हुआ जिसकी अध्यक्षता अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकृष्ण तिवारी ने की। कार्यक्रम के प्रथम स्वागत सत्र में मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद सुभाष खूंटीया व अतिथी पूर्व विधायक जयंत कुमार सारंगी तथा मुख्य संरक्ष महेश पाठक, स्थानीय जगन्नाथ पुरी के रवि नारायण गुरु सहित सभी लोगों ने भगवान जगन्नाथ के विग्रह पर द्वीप प्रज्वलन कर स्वागत सत्र का प्रारंभ किया।

मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद सुभाष खूंटिया ने कहा कि अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहितों का समागम प्रथम बार जगन्नाथ पुरी धाम में हो रहा है यह हर्ष का विषय है। इस प्रकार के आयोजन हर तीर्थ स्थल पर होने चाहिए। तीर्थ के हित को समझने वाले, तीर्थ यात्रियों को समझने वाले तीर्थ पुरोहित ही होते हैं, तीर्थ के विकास की योजनाओं में व तीर्थ के उन्नयन के लिए इन पुरोहितों की सलाह लेना अति आवश्यक है।
मुख्य संरक्षक महेश पाठक ने अपने संबोधन में कहा कि आज सबसे ज्यादा शोषण पूरे भारतवर्ष में तीर्थ पुरोहितों का हो रहा है। हमारे तीर्थों पर सरकार अतिक्रमण कर रही है। हमारे तीर्थ पुरोहितों के हितों को नुकसान पहुंचा रही है। इसीलिए हम आज यहां पर सभी तीर्थों से प्रतिनिधि इकट्ठे हुए हैं। और इन्हीं सब विषयों पर चर्चा करके हम निर्णय लेंगे की किस प्रकार से हम अपने तीर्थों को और तीर्थ की मर्यादाओं को बचाए रख सकते हैं।
अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष रामकृष्ण तिवारी ने भारतवर्ष से आए हुए सभी तीर्थ पुरोहितों का स्वागत करते हुए कहा कि विभिन्न तीर्थ में जो समस्याएं हैं उन सभी को अगले सत्र में हम सम्मिलित करेंगे और उस पर चर्चा के लिए बात करेंगे, हमारी संस्था जैसा नाम है उसी प्रकार से कार्य करती है।
प्रथम सत्र का संचालन अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के वरिष्ठ महामंत्री नवीन नागर चतुर्वेदी ने किया।
संवाददाता: अजय संतोषी