दुमका (शहर परिक्रमा)

एसकेएमयू में लिंग संवेदनशीलता पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का होगा आयोजन

दुमका: सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय (एसकेएमयू), दुमका में 26 और 27 मार्च को एक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। यह सेमिनार विशेष रूप से लिंग संवेदनशीलता पर आधारित होगा और इसमें देशभर से जेंडर विषय पर प्रमुख वक्ता भाग लेंगे। सेमिनार का मुख्य विषय “हम झारखंड की महिलाएं: संस्कृति, विकास और समाज” रखा गया है। इस आयोजन का उद्देश्य समाज में लिंग संवेदनशीलता की समझ को बढ़ावा देना, लिंग भेदभाव को चुनौती देना और महिलाओं के अधिकारों और उनकी स्थिति को लेकर जागरूकता फैलाना है। इस सेमिनार का आयोजन झारखंड सरकार के उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा प्रायोजित किया गया है। सेमिनार में देशभर से लगभग 100 शोधार्थी अपने शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए पंजीकृत हैं। ये शोधार्थी अपनी शोध प्रस्तुतियों में लिंग संवेदनशीलता, सामाजिक विकास, संस्कृति और महिलाओं की सामाजिक स्थिति पर महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत करेंगे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर बिमल प्रसाद सिंह करेंगे, जबकि सेमिनार के संयोजक स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. अजय सिन्हा हैं। आयोजन सचिव के रूप में स्नातकोत्तर इतिहास विभाग की सहायक प्राध्यापक अमिता कुमारी कार्यरत रहेंगी। इसके अलावा, संयुक्त आयोजन सचिव के रूप में वाणिज्य विभाग के डॉ. बिनोद मुर्मू, कोऑर्डिनेटर डॉ. शर्मिला सोरेन और कोषाध्यक्ष डॉ. पूनम हेम्ब्रम सेमिनार के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यह सेमिनार लिंग संवेदनशीलता को लेकर जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य समाज में लैंगिक भेदभाव को समाप्त करना, आत्मसम्मान की भावना को प्रोत्साहित करना और विभिन्न लिंगों के प्रति स्वीकृति और समझ को बढ़ावा देना है। इस आयोजन में देशभर के नामी और प्रतिष्ठित वक्ता शामिल होंगे जो लिंग आधारित मुद्दों पर अपने अनुभव और विचार साझा करेंगे।
मुख्य वक्ताओं में शामिल हैं:-
• डॉ. ईवा हाँसदा, विभागाध्यक्षा, अंग्रेजी विभाग, गोसनर कॉलेज, रांची विश्वविद्यालय
• प्रोफेसर रंजना श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग, रांची विश्वविद्यालय
• डॉ. अनघा तांबे, एसोसिएट प्रोफेसर, स्त्री अध्ययन विभाग, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय और पूर्व महासचिव, इंडियन एसोसिएशन फॉर विमेन स्टडीज़
• डॉ. अच्युत चेतन, प्राध्यापक, अंग्रेजी विभाग, सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय
• डॉ. ममता कुमारी, संयोजिका, स्त्री अध्ययन केंद्र, रांची विश्वविद्यालय
• प्रोफेसर ईशिता मुखोपाध्याय, अर्थशास्त्र विभाग, कलकत्ता विश्वविद्यालय और पूर्व अध्यक्ष, इंडियन एसोसिएशन फॉर विमेन स्टडीज़
• डॉ. मीनाक्षी मुंडा, प्राध्यापिका, मानवशास्त्र विभाग, कोलहन विश्वविद्यालय
• डॉ. नीतिशा खालखो, प्राध्यापिका, हिन्दी विभाग, बी एस के कॉलेज, मैथन, विनोबा भावे विश्वविद्यालय
• डॉ. शालिनी साबू, प्राध्यापिका, इंस्टिट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज़, रांची विश्वविद्यालय
यह सेमिनार महिला सशक्तिकरण, लिंग समानता और सामाजिक विकास की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा। सभी इच्छुक शोधार्थी और समाजसेवी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर लिंग संवेदनशीलता के प्रति अपनी जिम्मेदारी और जागरूकता को और बढ़ा सकते हैं।

संवाददाता: आलोक रंजन