देवघर (शहर परिक्रमा)

फाइलेरिया उन्मूलन से संबंधित जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित

आज दिनांक 26.03.2025 को सिविल सर्जन डॉ. जेके चौधरी के अध्यक्षता में स्थानीय आई.एम.ए. हाल, पुराना सदर अस्पताल के सभागार में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम से संबंधित रूग्णता प्रबंधन एवं विकलांगता रोकथाम (एमएमडीपी) पर एक जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ पीके शर्मा, जिला भीबीडी पदाधिकारी डॉ. अभय कुमार यादव, जिला भीबीडी सलाहकार डॉ. गणेश कुमार यादव तथा एम्स, पीएसएम विभाग, देवघर के डॉ. विजिट विश्वास की उपस्थिति में किया गया।


इस दौरान देवघर जिले के अर्बन, सदर अस्पताल तथा सभी प्रखंडों के एमटीएस, एस.आई., एस.डब्लू., एमपीडब्ल्यू और एएनएम सहित कुल 55 प्रतिभागियों के साथ फाइलेरिया रोग से ग्रसीत आठ लिंफोएडिमा के मरीजों तथा सहयोगी पार्टनर्स पीरामल फाउंडेशन के विजय प्रकाश पाण्डेय, पंकज कुमार, सीएफएआर संस्था के पिंटू तिवारी एवं आशुतोष कुमार सिंह ने भाग लिया।

25 प्री-टेस्ट के मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन के साथ एमएमडीपी कार्यशाला की शुरुवात की गई एवं इस कार्यशाला के दौरान उपस्थित अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रमोद कुमार शर्मा ने एमएमडीपी कार्यशाला के महत्व और योजना से संबंधित विंदुओं पर प्रकाश डालते हुए सभी को क्षेत्र में फाइलेरिया मुक्ति हेतु कार्य करने का आह्वान किया। जिला भीबीडी पदाधिकारी डॉ अभय कुमार यादव ने जिले के सदर अस्पताल एवं सभी सीएचसी अस्पतालों में चल रहे फाइलेरिया क्लीनिक में फाइलेरिया मरीजों को मिलने वाली बेहतर सुविधाओं, सलाह, जांच, उपचार एवं रोग प्रबंधन करने के महत्व पर विशेष बल देने और इससे ज्यादा से ज्यादा मरीजों को लाभ पहुंचाने के लिए क्षेत्र में सहिया व सेविका आदि के माध्यम से अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कराते हुए इस फाइलेरिया सह एमएमडीपी क्लिनिक का लाभ लेने के लिए बताया गया। डब्लूएचओ के राज्य कॉर्डिनेटर डॉ अभिषेक पॉल ने ऑनलाइन माध्यम से जुडकर सभी को फाइलेरिया बीमारी की महामारी से संबंधित जानकारी देते हुए इसका रोकथाम करने के विभिन्न उपायों और फाइलेरिया से प्रभावित लिंफोएडिमा तथा हाइड्रोसील रोगियों के प्रभावित अंगों के उचित देखभाल करने तथा व्यायाम आदि से संबंधित जानकारी देने के साथ इस बीमारी से होने वाले दुष्प्रभाव, एक्यूट अटैक आने पर समुचित उपचार संबंध जानकारी पीपीटी के माध्यम से बताया गया। तत्पश्चात जिला भीबीडी सलाहकार डॉ गणेश कुमार ने पीपीटी के माध्यम से सभी को फाइलेरिया रोग फैलने के तरीके, नियंत्रण की विधि के साथ फाइलेरिया रोग से पीड़ित व्यक्तियों के रोग प्रबंधन करने की विभिन्न विधियां के साथ कुल आठ एजेंडा पर चर्चा करते हुए उपस्थित सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। इस दौरान लिम्फैटिक फाइलेरियासिस की महामारी विज्ञान, वेक्टर बायोनॉमिक्स, फाइलेरिया रोग स्पेक्ट्रम, लिम्फैटिक फाइलेरियासिस को खत्म करने के लिए वैश्विक कार्यक्रम (जीपीईएलएफ), रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता रोकथाम (एमएमडीपी) – सेवाओं का आवश्यक पैकेज, तीव्र हमलों का प्रबंधन, लिम्फेडेमा का स्टेज एवं प्रबंधन तथा हाइड्रोसील का स्टेज एवं प्रबंधन और विस्तार पूर्वक जानकारी दिया।

एम्स देवघर से आए डॉ अभिजीत विश्वास ने एमएमडीपी के विभिन्न चरणों पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि कैसे प्रभावित अंगों की साफ-सफाई के साथ इसका सुखा रखना तथा चोटिल होने से बचना आदि क्यों आवश्यक है तथा उचित माप के चप्पल आदि का पहनना तथा प्रभावित अंगों को हमेशा ऊंचा उठाकर रखने एवं कौन-कौन से व्यायाम करने आवश्यक हैं इस पर चर्चा किया गया। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए फाइलेरिया रोगियों से भी उनके विचार को मंच के माध्यम से साझा किया गया एवं उनको होने वाले तकलीफों से सबों को रूबरू कराया गया और इन सबको एमएमडीपी किट उपलब्ध कराया गया तथा इसका उपयोग करने की विधि को भी बताया गया। अंत में सहयोगी पार्टनर्स पिरामल स्वास्थ्य तथा सीएफएआर के प्रतिनिधि द्वारा जिले में फाइलेरिया रोगों के उन्मूलन हेतु क्या-क्या प्रयास किया जा रहे तथा उनके द्वारा क्या सहयोग दिया जाने वाला है, के बारे में अपना-अपना मंतव्य व योजना के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दिया। अंत में पोस्ट टेस्ट लेते हुए कार्यशाला का एसेसमेंट करते हुए धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यशाला समाप्त किया गया।
इस दौरान कार्यशाला में उपरोक्त के अलावा ऑनलाइन माध्यम से डब्लूएचओ के राज्य कोऑर्डिनेटर डॉ. अभिषेक पॉल, एफएलए रवि सिन्हा, डीईओ कांग्रेस मंडल, राकेश कुमार, अमित कुमार सहित अर्बन, सदर अस्पताल तथा सभी प्रखंडों के एमटीएस, एस.आई., एस.डब्लू., एमपीडब्ल्यू और एएनएम सहित कुल 55 प्रतिभागियों एवं फाइलेरिया रोगियों ने भाग लिया।