बाबा मंदिर बना भ्रष्टाचार का अड्डा: दुर्लभ मिश्र
आज दिनांक 03.04.25 को पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री दुर्लभ मिश्र ने बाबा मंदिर में व्याप्त कुव्यवस्था को लेकर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया।
इस दौरान उनके साथ पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व अध्यक्ष विनोद दत्त द्वारी व पन्ना लाल मिश्र भी थे।
उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए पूर्व महामंत्री ने कहा कि बाबा मंदिर वर्तमान में भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। यहाँ बजट नहीं बनाया जाता बल्कि किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा खर्च किया जाता है। 2010 में श्राईन बोर्ड के गठन के बाद आज तक राज्य सरकार से 150 करोड़ आ चूका है लेकिन उस पैसे का कोई हिसाब किताब नहीं, इसके लिए हमारे एक प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री से शिकायत भी की है।
पूर्व महामंत्री ने आगे कहा कि मंदिर में कोई कार्य किया जाता है तो किसी से सलाह मशवरा भी नहीं होता। वहीं सरदार पंडा की भी राय नहीं ली जाती। मंदिर जब श्राईन बोर्ड के अधीन है तब नियमानुसार यहाँ कार्य निर्गत करने वाला एक सरकारी अधिकारी होना चाहिए जबकि फिलवक़्त यहाँ मंदिर प्रबंधक के द्वारा ड्यूटी चार्ट बनाया गया है, देवघर अनुमंडल पदाधिकारी से आग्रह है कि अविलम्ब इस ड्यूटी चार्ट को निरस्त कर प्रशासकीय पदाधिकारी द्वारा बनाया जाए।
उन्होंने आगे कहा कि संताल परगना के कमीशनर प्रदीप कुमार द्वारा पंडा और प्रशासन के बीच की कड़ी के रूप में रमेश परिहस्त को मंदिर प्रबंधक के रूप में नियुक्त किया गया था लेकिन इसका मतलब यह नहीं निकलता की मंदिर को लूट के लिए छोड़ दिया जाए।
आगे उन्होंने मांग करते हुए कहा कि 11मार्च 1970 को सरदार पंडा स्व. भवप्रीतानंद ओझा की मृत्यु के 55 वर्षों बाद प्रशासन को उनकी संपत्ति और मंदिर के आय व्यय का हिसाब सार्वजनिक करे वहीं एक एजीएम रैंक के अधिकारी को मंदिर का एडमिनिस्ट्रेटर बनाये अन्यथा हम आंदोलन को बाध्य होंगे।