देवघर में चैती दुर्गा पूजा की धूम
चैती दुर्गा पूजा को षष्ठी तिथि गुरुवार को शाम चार बजे से सभी पूजा समितियों के द्वारा ढोल बाजे नगाड़े के साथ शोभायात्रा निकाली गयी शहर के विभिन्न जगहों में मां वेलभरणी पूजा के साथ मां को पूजा पंडालों व मंदिरों में आने का विधिवत निमंत्रण दिया गया। शुक्रवार महा सप्तमी पर माता विल्ववरनी के महास्नान कराने के पश्चात बेदी पर लाकर नव पत्रिका प्रवेश पूजा के साथ ही सप्तमी तिथि को मां शक्ति की प्रतिमा स्थापित कर प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी। इसके साथ ही मंदिर व पंडालों का पट मां दुर्गा के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा। चैती दुर्गा पूजा को लेकर बाबा नगरी में भक्तिमय माहौल बना है। षष्ठी तिथि को शहर के विभिन्न जगहों में वेल वृक्षों के नीचे मां बलभरणी की पूजा तांत्रिक विधि के साथ की गयी।
ऐसी मान्यता है कि मां शक्ति मां दुर्गा का प्रथम पदार्पण बेल वृक्ष से ही हुआ था इसलिए माता की पूजा बेल वृक्ष में कर निमंत्रण दिया जाता है। जय मां मायेर जय, बेल भरनी मां की जय के जयकारा से पूरा शहर भक्तिमय हो गया। शहर के पं बीएन झा पथ स्थित बसंती मंडप, घडीदार घर, बेला बगान, रधुनाथ रोड स्थित बसंती मंडप, त्रिकुटी पहाड़, सिमरगढ़ा, कटाल काली, भैरव घाट, रामपुर, अभय दर्शन, ह्दयापीठ, सिमरगढ़ा बसंती मंडप आदि जगहों में मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जा रही है। सिमरगढ़ा बसंती मंडप में लगभग सौ वर्षों से मां की पूजा की जा रहा है। वही भुरभुरा चौक स्थित ह्रदयापीठ में मां की वार्षिक पूजा की जा रही है। इसको लेकर ह्रदयापीठ से मां को निमंत्रण देने के लिए ढोल बाजे के साथ समिति के सदस्य बेल वृक्ष के नीचे मां चैती दुर्गा को निमंत्रण देने पहुंचे।

भोगबासा चैती दुर्गा पूजा समिति बम-बम बाबा कॉलोनी में मां चैती दुर्गा पूजा समिति द्वारा तांत्रिक विधि विधान से मां की पूजा अर्चना करते आ रही है। चैत्र मास शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि गुरुवार को मां विल्व भरनी की आमंत्रण पुजा विल्व गाछ के निचे तांत्रिक विधि विधान पूर्वक किया गया। इस दौरान समिति के अध्यक्ष बिनोद झा, आचार्य सुधांशु सर, पुजारी अमृतेश मिश्र, सदस्य मुरारी परिहस्त, शम्भू शेखर झा, रवि नरौने, कैलाश पांडे, सुनिल खवाड़े, सुनिल झा, सुनिल मिश्र, मनोज झा, सोनी नाथ मिश्र, अक्षय चरण मिश्र, सलज मिश्र, सुमित नरोने, शंकर अड़ेवाड, रवि शंकर झा, कुणाल महाराज आदि तन-मन धन से पुजा को सफल बनाने में लगे हुए हैं।

हृदयापीठ में भुर भुरा मोड़ स्थित दुर्गा पूजा मडप में चैती दुर्गा पूजा को लेकर कलश स्थापना, पुजा, आरती, चन्डी पाठ पुजारी डॉ मोती लाल द्वारी, आचार्य पंकज झा, चंडी पाठ मनोज झा द्वारा किया जा रहा है। ज्ञात हो कि हृदयापीठ में विगत 13 सालों से दोनों कल्पो में मां दुर्गा की पुजा तांत्रिक विधि विधान से होती आ रही है। यह जानकारी संस्थापक सदस्य सोहन लाल मिश्र चांद, दिवाकर झा, रमेश द्वारी, पन्ना लाल श्रृंगारी, प्रकाश मिश्र, कृष्ण देव मिश्र आदि पुजा को सफल बनाने में तन मन धन से लगे हुए हैं।
