16 मई: राष्ट्रीय डेंगू दिवस
राष्ट्रीय डेंगू दिवस डेंगू के बारे में जागरूकता प्रसारित करने और संचारण का मौसम शुरू होने से पहले देश में रोग नियंत्रण के लिए निवारक उपायों और उसकी तैयारी को तेज करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की सिफारिश पर प्रतिवर्ष 16 मई को मनाया जाता है। डेंगू पूरे देश में दूर तक फैला हुआ है।

देवघर जिला भीबीड़ी सलाहकार डॉ गणेश कुमार बताते हैं कि इनमें जो नर मच्छर होता है, जो मानव खून नहीं पिता है। सिर्फ नेक्टर (फूल पत्ती का जूस) पी कर रहता है। जो मादा मच्छर से अपने जीवन काल में सिर्फ एक बार मीटिंग करता है और मर जाता है। इसका पहचान इसके माउथ पार्ट से, जिसमें प्रोबोसिस, एंटीना और टेंटिकिल्स आदि से किया जा सकता है।
वर्ष 2017 में तमिलनाडु के बाद केरल, कर्नाटक, पंजाब, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान, दिल्ली और अन्य राज्यों से डेंगू के अधिकतम मामलों की सूचना मिली थी। इस रोग से अफ्रीका, अमेरिका, पूर्वी भू-मध्य सागर, दक्षिण-पूर्व एशिया और पश्चिम प्रशांत सहित 100 से अधिक देश प्रभावित हैं। यह भारत में विशेषकर बारिश के दिनों में होने वाला सामान्य रोग है। यह बीमारी, डेंगू वायरस के कारण होने वाला एक वायरल रोग है। यह चार डेंगू वायरसों में से किसी एक से मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है जो दिन के समय काटता है। व्यक्ति में संक्रामक काटने के बाद तीन से चौदह दिनों के भीतर लक्षण विकसित होते है। रोगी जो कि पहले से ही डेंगू वायरस से संक्रमित हैं, लक्षणों की शुरुआत के चार से पांच दिनों के दौरान एडीज मच्छरों के माध्यम से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता हैं। इसकी रोकथाम और नियंत्रण प्रभावी वेक्टर नियंत्रण उपायों पर निर्भर करता है। इसमें अचानक तेज़ बुख़ार के साथ बुख़ार की शुरुआत, गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द और चकत्ते हो जाते है। यह हेमोरेजिक बुख़ार में तीव्र बुख़ार की शुरुआत होती है जिसके बाद पेट दर्द, उल्टी, रक्तस्राव होता है। मामलों का छोटा सा हिस्सा घातक रोग जैसे कि डेंगू शॉक सिंड्रोम दिखा सकता है। इसके लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवाएं नहीं हैं। चिकित्सक द्वारा प्रारंभिक नैदानिक निदान और पर्याप्त नैदानिक प्रबंधन मृत्यु दर को एक प्रतिशत से कम करता है। रोगी के लिए पैरासिटामोल के साथ एनाल्जेिसिक का उपयोग तथा अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थों पीना और पर्याप्त आराम करना महत्वपूर्ण है। एसिटाइलसैलिसाइलिक एसिड और गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स के उपयोग की सिफ़ारिश नहीं की जाती है। कूलर और अन्य छोटे बर्तनों, प्लास्टिक के बर्तनों, बाल्टियों, उपभोग किए गए ऑटोमोबाइल टायरों, कूलर, पालतू पशुओं के पीने के पानी के बर्तनों और फूलदान का पानी सप्ताह में कम से कम एक बार अवश्य बदला जाना चाहिए। उपयुक्त लार्वीसाइड का उपयोग जल भंडारण बर्तनों में किया जाना चाहिए, जिन्हें खाली नहीं किया जा सकता है। पानी भंडारण के बर्तनों को ढक्कन से ढका जाना चाहिए। मच्छरों के काटने से बचने के लिए दिन में एरोसोल का उपयोग किया जा सकता है। संचारण के मौसम के दौरान सभी लोग को हाथों और पैरों को ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिए। दिन में सोने के दौरान मच्छरदानी या मच्छर भागने वाले उत्पादों का उपयोग किया जा सकता है। मच्छरों के काटने को रोकने के लिए खिड़की की स्क्रीन, कीटनाशकयुक्त मच्छर दानी, कॉइल्स और कीटनाशकों का छिड़काव जैसे व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय का उपयोग किया जा सकता है। डेंगू के रोगी को मच्छर के काटने से बचाया जाना चाहिए। यह अन्य लोगों में डेंगू फैलने से रोकेगा।
