ऑल इंडिया फेडरेशन आफ टीचर्स आर्गनाइजेशन का अधिवेशन संपन्न
डॉ सुनील खवाड़े को विधिवत रूप से बनाया गया मुख्य संरक्षक
एक देश एक पाठ्यक्रम, समान वेतन, समान सेवानिवृत्त उम्र की मांग
ध्वनिमत से पारित किया गया प्रस्ताव, शिक्षा मंत्री तक पहुंचेगी गुहार
आंध्र प्रदेश के तिरुपति में सितंबर में होगा अगला अधिवेशन
22 राज्यों से 25 संगठन और 68 शिक्षक हुए शामिल
डाबरग्राम स्थित पंचायत प्रशिक्षण केंद्र में रविवार को आल इंडिया फेडरेशन आफ टीचर्स आर्गनाइजेशन की अधिवेशन आयोजित की गई। अधिवेशन की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अश्विनी कुमार ने किया। अधिवेशन की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। इस दौरान डॉ सुनील खवाड़े को विधिवत रूप से एआईएफटो का मुख्य संरक्षक के पद पर मनोनीत किया गया। मनोनयन उपरांत सभा ने ध्वनि मत से प्रस्ताव पर सहमति देते हुए तालियां बजाकर मुख्य संरक्षक का अभिनंदन किया। इस दौरान उन्हें सम्मान स्वरूप साफा पहनाकर दायित्व सौंपा। डॉ सुनील ने सबों का अभिवादन स्वीकार किया और हर परिस्थिति में शिक्षकों के साथ रहने का वचन दिया। विभिन्न सत्रों में आयोजित अधिवेशन में डाल्फिन डांस अकदामी के बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुति देते हुए दर्शकों का मन मोह लिया। अधिवेशन में शिक्षा व शिक्षकों से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई और प्रस्ताव पेश किया गया जिसे शिक्षकों ने ध्वनिमत से समर्थन किया। पारित किये गये प्रस्ताव को शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को सौंपने का निर्णय लिया गया ताकि समस्याओं के समाधान में अग्रेतर कारवाई की जाए।

शिक्षकों ने उठाई देशभर में समानता की मांग
अधिवेशन के दौरान शिक्षकों ने समानता की मांग उठाई। संपूर्ण देश में एक समान पाठ्यक्रम, शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की समान उम्र, शिक्षकों के समान वेतनमान की मांग की। शिक्षकों ने कहा कि हर जगह अलग अलग पैमाने के वजह से एक समान काम नहीं हो पा रहा है जिससे अपेक्षित विकास और सुधार नहीं हो पा रहा है। अधिवेशन के दौरान प्राइवेट स्कूल की संख्या में एकाएक हो रही बेतहाशा वृद्धि पर भी चिंता व्यक्त किया गया।
यूजीसी की तर्ज पर एसजीसी के गठन की मांग
शिक्षकों ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की तर्ज पर स्कूलों के लिए विद्यालय अनुदान आयोग के गठन पर जोर दिया। अधिवेशन में कहा गया कि विश्वविद्यालयों के लिए एक आयोग है जिसपर हर प्रकार की समस्या का समाधान होता है, अनुदान मिलता है। वैसे ही विद्यालयों के लिए भी समान आयोग का गठन किया जाए ताकि शिक्षा और शैक्षणिक स्तर के समग्र विकास पर काम किया जा सकें। वक्ताओं ने कहा कि जब तक एक समान पाठ्यक्रम नहीं होगा सरकारी विद्यालयों के प्रति लोगों के रुझान में वृद्धि होगी। साथ ही देश की कुल जीडीपी का न्यूनतम छह प्रतिशत राशि शिक्षा में खर्च करने की मांग की गई।
मजबूत शिक्षक, मजबूत भविष्य की नींव हैं : डॉ सुनील खवाड़े
अधिवेशन के दौरान डॉ सुनील खवाड़े ने कहा कि आज बड़ा ही खुशी का दिन है। जेएसपीटीए के लिए भी यह बहुत बड़ा दिन है। ऐसे आयोजनों से शिक्षकों में नई ऊर्जा का संचार होता है। हमलोग अपने उद्देश्य में निश्चित रुप से सफल होंगे। आज की उपस्थिति कोई साधारण उपस्थिति नहीं है, यह हमारे लिए गौरव का दिन है। आयोजन के प्रति शिक्षकों का रुझान अभूतपूर्व है।ऐसे आयोजन हर वर्ष होना चाहिए,संगठन को समय और इच्छा जाहिर करना है, मैं हर तरह से शिक्षकों के साथ हूं। न केवल जिला बल्कि प्रखंड स्तर पर भी आयोजन किया जाए।सारी सुविधाएं मैं उपलब्ध कराऊंगा। देवघर नटराज की नगरी ज्योतिर्लिंग व ह्दयापीठ है, बहुत जल्द मैं फिर से आपलोगों को बुलाउंगा।
इस दौरान गुजरात से रमेश भाई पटेल, पंकज भाई पटेल, हितेश भाई पटेल, केरला से एम. सलाहुद्दीन, तेलंगाना से एमएलसी श्रीपल रेड्डी पिंगली, हिमाचल प्रदेश से अवनित सरक्रिक, उत्तर प्रदेश से मनोज कुमार सिंह, राजस्थान से छगनलाल रोज, तेलांगना से पद्मा गोली, राजस्थान से हरि सिंह मिथरवाल, हिमाचल प्रदेश से प्रेम लाल शर्मा मंच पर उपस्थित थे।