29 मई: चौधरी चरण सिंह व पृथ्वीराज कपूर की पुण्यतिथि, कन्हैयालाल मिश्र की जयंती
आज 29 मई भारत के पूर्व प्रधानमंत्री सह किसान नेता चौधरी चरण सिंह, मुग़ले आज़म के अभिनेता पृथ्वीराज कपूर की पुण्यतिथि एवं पत्रकार व निबंधकार कन्हैयालाल मिश्र की जयंती है।

चौधरी चरण सिंह भारत के पाँचवें प्रधानमंत्री थे। उनकी मृत्यु 29 मई 1987 को हुई थी। वे किसानों की आवाज़ बुलन्द करने वाले प्रखर नेता माने जाते थे। उनका प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक रहा। उनका जन्म 23 दिसम्बर, 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के नूरपुर ग्राम में एक मध्यम वर्गीय कृषक परिवार में हुआ था। उनकी व्यक्तिगत छवि एक ऐसे देहाती पुरुष की थी जो सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास रखता था। एक प्रशासक के तौर पर उन्हें बेहद सिद्धान्तवादी और अनुशासनप्रिय माना जाता था। वह सरकारी अधिकारियों की लाल फ़ीताशाही और भ्रष्टाचार के प्रबल विरोधी थे। वे सामाजिक न्याय के पोषक और लोक सेवा भावना से ओत-प्रोत रहे। वे अच्छे वक्ता थे और बेहतरीन सांसद भी। वह जिस कार्य को करने का मन बना लेते थे, फिर उसे पूरा करके ही रहते थे। वे राजनीति में स्वच्छ छवि रखने वाले इंसान थे। उन्होंने ‘अबॉलिशन ऑफ़ ज़मींदारी’, ‘लिजेण्ड प्रोपराइटरशिप’ और ‘इंडियास पॉवर्टी एण्ड इट्स सोल्यूशंस’ नामक पुस्तकों का लेखन भी किया।

पृथ्वीराज कपूर हिंदी फ़िल्म और रंगमंच अभिनय के इतिहास पुरुष, जिन्होंने बंबई में पृथ्वी थिएटर स्थापित किया। उनकी मृत्यु 29 मई, 1972 को हुई थी। उनका नाम, भारतीय सिनेमा जगत् के युगपुरुष’ के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने अपनी कड़क आवाज, रोबदार भाव भंगिमाओं और दमदार अभिनय के बल पर लगभग चार दशकों तक सिने दर्शकों के दिलों पर राज किया। आकर्षक व्यक्तित्व व शानदार आवाज़ के स्वामी पृथ्वीराज कपूर ने सिनेमा और रंगमंच दोनों माध्यमों में अपनी अभिनय क्षमता का परिचय दिया हालांकि उनका पहला प्यार थिएटर ही था। उनके पृथ्वी थिएटर ने क़रीब 16 वर्षों में दो हज़ार से अधिक नाट्य प्रस्तुतियां कीं। उन्होंने अपनी अधिकतर नाट्य प्रस्तुतियों में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। थिएटर के प्रति उनकी दीवानगी स्पष्ट थी। पृथ्वी थिएटर की नाट्य प्रस्तुतियों में सामाजिक जागरूकता के साथ ही देशभक्ति और मानवीयता को प्रश्रय दिया गया। उनकी फिल्म मुग़ले आजम, हरिश्चंद्र तारामती, सिकंदरे आजम, आसमान, महल जैसी कुछ सफल फ़िल्में प्रदर्शित हुईं जो आज भी चर्चित है।

कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ हिन्दी के जाने-माने निबंधकार थे, जिन्होंने राजनीतिक और सामाजिक जीवन से संबंध रखने वाले अनेक निबंध लिखे हैं। उनका जन्म 29 मई, 1906 को हुआ था। वे ‘ज्ञानोदय’ पत्रिका का सम्पादन भी कर चुके हैं। उन्होंने अपने लेखन के अतिरिक्त अपने नये लेखकों को प्रेरित और प्रोत्साहित किया है। उनका मुख्य कार्यक्षेत्र पत्रकारिता था। प्रारम्भ से भी राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यों में गहरी दिलचस्पी लेने के कारण, उन्हें अनेक बार जेल- यात्रा करनी पड़ी। पत्रकारिता के क्षेत्र में भी कन्हैयालाल ने बराबर कार्य किया है। उनकी अब तक सात पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें नयी पीढ़ी, नये विचार, ज़िन्दगी मुस्करायी, माटी हो गयी सोना, आकाश के तारे- धरती के फूल दीप जले, शंख बजे, ज़िन्दगी मुस्करायी, बाजे पायलिया के घुँघरू सूचिबद्ध है।
