बच्चों के सर्वांगीण विकास में कारगार साबित होगा विद्यालय स्वास्थ एवं कल्याण कार्यक्रम: डायट प्राचार्य
आयुष्मान भारत पहल के तहत विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम भारत सरकार एवं राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है।जिसे ज़िले में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निर्देश, जे सी ईआर टी रांची तथा डायट जसीडीह के मार्गदर्शन एवं सेंटर फ़ॉर कैटालाइजिंग चेंज C3 के तकनीकी सहयोग से सभी कोटि के विद्यालयों जहां वर्ग 6 एवम उससे ऊपर की पढ़ाई होती है में संचालित किया जा रहा है।
आज दिनांक 23/8/2023 को डायट जसीडीह में अरोग्य दूतों के 5 दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण के सातवें फेज का अयोजन किया गया, जिसका भारतीय संस्कृति के अनुरूप विधिवत उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी सह डायट प्राचार्य अजय कुमार द्वारा किया गया, जिसमें जिसमें कूल 190 आरोग्य दूतों ने हिस्सा लिया। मौके पर संकाय सदस्य किरण कुमारी ने पौधा देकर डायट प्राचार्य को सम्मानित किया।
अपने संबोधन में डायट प्राचार्य ने कहा कि स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन का विकास होता है और आज के इस दौर में कई तरह की बीमारियां लोगों के समक्ष आ रही हैं, अतः बच्चों को विद्यालय जीवन से ही स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना अत्यंत जरूरी है । साथ ही डायट प्राचार्य ने कहा कि जिस 16 मॉड्यूल का प्रशिक्षण अगले 5 दिनों में दिया जाना है उसे शिक्षक गंभीरता से प्राप्त करें ताकि आरोग्य दूत के रूप में विद्यालय स्तर तक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें। साथ ही साथ उन्होंने बताया कि बच्चों में सभी गुण विद्यमान रहते हैं सिर्फ मानसिक एवं शारीरिक अस्वस्थता के कारण नैतिक क्रियाओं का विकास सही ढंग से नहीं हो पाता है , इस कार्यक्रम से बच्चों का नैतिक विकास के साथ-साथ शारीरिक एवम मानसिक स्वास्थ में वृद्धि के साथ स्वछता संबंधित जागरूकता भी बढ़ेगी। उन्होंने शिक्षकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि बदलाव कर्मशः होता है जो कि सरकार और समाज के सामूहिक प्रयास से संभव है। आगे उन्होंने कहा कि शिक्षक ही ऐसे योद्धा हैं जिसके द्वारा सरकार की सभी योजनाओं का सुचारू रूप से संचालन विद्यालय स्तर पर किया जा सकता है । अगर शिक्षक बच्चों को शुरुआत से ही सही दिशा निर्देश दें तो बच्चे अपने सर्वांगीण विकास के प्रति जागरूक हो सकते हैं जो की जीवन पर्यंत चलेगा। आगे उन्होंने कहा हमारा जिला ऐसा है जहां परंपरावादी और दकियानूसी विचारधारा के बारे में भी जागरूक करने की आवश्यकता है। साथ ही शिक्षकाें को बताया कि मानव तस्करी, दहेज प्रथा, सड़क सुरक्षा, बाल विवाह इत्यादि हमारे राज्य के ज्वलंत मुद्दों में से है जिसके बारे में प्रशिक्षण दिया जायेगा तथा इन मुख्य मुद्दों को शिक्षक विद्यालय में एसएमसी बैठक ,छात्र अभिभावक बैठकों में भी शामिल करें, ताकि बच्चों और अभिभावक को जागरुक कर इस कार्यक्रम के दूरगामी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
मौके पर सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज के जिला प्रतिनिधी कृष्णा कुमार, इस प्रोग्राम के एस आर जी मुकेश कुमार सिंह, डायट सदस्य किरण कुमारी, संतोष कुमार,eti kumari रामकृपन मुर्मू, दीप नारायण तथा प्रशिक्षक के रुप में ज़िला साधन सेवी विजय शंकर सिंह, अशुतोष कुमार, पंचानन्द राय, राजेश कुमार, धनंजय ठाकुर, शैलेंद्र वर्मा, नीलकंठ यादव, एरिक मुर्मू , दिवाकर, स्वरुप पति, पंकज सिंह, संजीव, उमर फारुख इत्यादि मौजुद थे।