दुमका: श्रावण शुक्लपक्ष दशमी तिथि को बाबा बासुकीनाथ के फौजदारी दरबार में जलार्पण को लेकर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
बासुकीनाथ: राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2023 के शुक्लपक्ष दशमी तिथि शनिवार को बाबा बासुकीनाथ मंदिर में जलार्पण को लेकर देश विदेश से आये श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। प्रातः तीन बजे से लेकर संध्या छह बजे तक आगंतुक श्रद्धालुओं ने कतार में लगकर बाबा बासुकीनाथ मंदिर के गर्भगृह में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जलार्पण किया। राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव बासुकीनाथ 2023 की उल्टी गिनती शुरु हो चुकी है। मेला की समाप्ति को मात्र चार दिन ही शेष बचे हैं। श्रद्धा, भक्ति की रसधारा सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा के पावन तट से प्रारंभ होकर बाबा बासुकीनाथ के मंदिर तक बाबा बैद्यनाथ की पावन नगरी को स्पर्श कर प्रवाहित हो रही है, जिसमे अभी तक लाखों शिवभक्त कांवरिया डुबकी लगा चुके हैं। शिवभक्ति की इतनी मनभावन और पावन छवि विश्व के किसी भाग में अभी तक दृश्यमान नहीं है। लगातार उनसठ (59) दिनों तक सुल्तानगंज से देवघर (105) बासुकीनाथ तक एक सौ पचास किमी की दूरी तक केसरिया रंगो में रंगे बोलबम बोलबम के महामंत्र को जपते शिवभक्ति में नाचते गाते लाखों कांवरियों की भीड़ को देखना जग में दुर्लभ है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारतीय शिवभक्तों द्वारा ही कांवर यात्रा की जाती है, बल्कि विदेशी कांवरिया भी भोलेनाथ की भक्ति पर कांधे पर कांवर लेकर झूमते, नाचते बाबा बैद्यनाथ और बाबा बासुकीनाथ के दरबार में हाजिरी लगाते हैं। मंदिरों में धूप, अगरबत्ती, शुद्ध घी के दीये एवम कपूर के जलने की मनभावन खुशबू सुवासित होने पर शिवभक्तो एवम वहां मौजूद अन्य लोगों को भी अध्यात्म की ओर जाने का एहसास होता है, जिससे शिवभक्तों का तन मन में समाहित कलुष और आसुरी भावनाओं का नाश हो जाता है और ऐसे ही शिवभक्त शिवजी की कृपा एवम भक्ति पाने के अधिकारी बनते हैं।
रिपोर्ट- शोभाराम पंडा Shobharam Panda