दुमका: दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत कार्यशाला का आयोजन
दुमका: शहर के हेरिटेज होटल में बुधवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत् झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसायटी और साइट सेवर के संयुक्त पहल से किया गया। सत्र की शुरुवात जिला कार्यक्रम प्रबंधक निशांत एक्का के द्वारा कार्यक्रम क्यू और किसके लिए किया जाना है तथा दैनिक जीवन में इसकी उपयोगिता और दिब्यांगता के प्रति सहानुभूति की बात की गई। इसके पश्चात जिला प्रबंधक भोला नाथ गुप्ता के द्वारा बताया गया की दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना कार्यक्रम में दिब्यांग को प्राथमिकता दी गई है उनका कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से करते हुए आज के परिवेश के अनुरूप रोजगार से जोड़ा जाना है।
उक्त कार्यक्रम में देवघर और गोड्डा जिला के प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक, जेआरपी और जिला प्रबंधकों की उपस्थिति रही। रांची मुख्य कार्यालय साइट सेवर से आई सुश्री रूथ के द्वारा दिब्यांगता और उसके विभिन्न पहलुओं पर सिलसिलेवार विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने बताया की पूरे विश्व में दिब्यांगता 21 प्रकार का पाया गया है जिसमे बहरापन, बौनापन, मस्तिष्क पछाघाट, आंशिक दृष्टि दोष, रंग दोष, अंधापन, मानसिक दुर्विकार, एसिड अटैक पीड़ित, क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल विकार, मल्टीपल स्सेलोरेसिस, पार्किनसन्स रोग, श्रवण विकलांगता, बौद्धिक दिब्यांगता, मानसिक बीमारी, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार, विशिष्ट सीखने की दिव्यांगत, हिमोपीलिया, थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया, भाषा एवम भाषण विकलांगता और बहुबिकलांगता।
कार्यशाला में बताया गया है की पूरे वैश्विक जनसंख्या का 15% में दिव्यांगता है। इसमे 80% लोग बिकाशशील देशों में, 74% ग्रामीण क्षेत्रों में रहते है। यदि हम भारत देश की बात करे तो देश की आबादी का 2.21% दिव्यांग है वही पूरे झारखंड में 7,69,980 दिब्यांगजन है।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने अगले 03 माह का प्लानिंग प्रतिवेदन त्यार किए की इस क्षेत्र में उनका क्या योगदान होगा।
रिपोर्ट- आलोक रंजन Alok Ranjan