शिक्षा

परीक्षा की तैयारी के लिए ‘एक्टिव लर्निंग’

किसी भी परीक्षा की तैयारी विद्यार्थियों को ‘एक्टिव लर्निंग’ के साथ करनी चाहिए। अक्सर पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों को एक्टिव रखना ही सबसे बड़ी चुनौती होती है, जिससे उनकी सीखने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। यदि आप अपने पढ़ने के तरीकों में बदलाव लाना चाहते हैं और यह भी चाहते हैं कि विषयों को ध्यानपूर्वक पढ़ा जाए, तो आप तकनीक के जरिये पढ़ने की प्रक्रिया को आसान और प्रभावी भी बना सकते हैं।
एक्टिव लर्निंग क्या है?
एक्टिव लर्निंग एक शिक्षण रणनीति है, जो छात्रों को सोचने, चर्चा करने, जांच करने और कुछ सीखने के कौशल को बढ़ाने में सहायक होती है। इस प्रक्रिया में छात्र नए कौशल का अभ्यास, समस्याओं का हल, जटिल प्रश्नों पर विचार और निर्णय लेने की अपनी क्षमता का विकास करने के साथ-साथ लेखन और चर्चा के माध्यम से अपने विचारों को शब्दों के जरिये व्यक्त कर सकते हैं। इससे छात्रों को न केवल विषय-वस्तु की गहरी समझ विकसित करने में मदद मिलती, बल्कि जो वह सीख रहे होते हैं, उसके साथ व्यक्तिगत संबंध बनाकर कक्षा को और अधिक रोचक भी बना सकते हैं।
सॉफ्ट स्किल्स का विकास
एक्टिव लर्निंग से सीखे गए कौशल छात्रों को एक सफल पेशेवर के रूप में तैयार करेंगे। यह छात्रों को उनके द्वारा चुने हुए उद्योग में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने और सॉफ्ट स्किल्स जैसे डाटा एनालिटिक्स के लिए पायथन, कोडिंग के लिए गिटहब आदि के विकास की अनुमति देता है।
सक्रियता बढ़ाने का उपाय
एक्टिव लर्निंग छात्र के दिमाग को हमेशा व्यस्त रखता है, जिससे उन्हें नई-नई चीजों के बारे में जानकारी मिलती रहती है। इस प्रक्रिया में छात्र चुपचाप बैठने के बजाय हर गतिविधि में सक्रिय रूप से शामिल होते हैं। रियल टाइम कम्युनिकेशन का प्रयोग अन्य छात्रों के साथ कर सकते हैं, जिससे वे मौखिक रूप से अपनी प्रतिक्रियाएं दे सकें।
पढ़ने के बाद दोहराएं
आपने जो कुछ भी नया सीखा है, यदि उसे दोहराते नहीं हैं, तो सीखने का कोई फायदा नहीं है। एक्टिव लर्निंग के लिए पाठ्यक्रम को नियमित रूप से दोहराते रहें और जो कुछ भी नया आपने पढ़ा या सीखा है, उसे लंबे समय तक याद रखने के लिए ग्राफ, मानचित्रण, फ्लैशकार्ड आदि का उपयोग कर सकते हैं।

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