कोडरमा (शहर परिक्रमा)

कोडरमा: नवरात्रि के डांडिया व गरबा से झूमा डीएवी का प्रांगण


डीएवी पब्लिक स्कूल झुमरी तिलैया ,कोडरमा में विद्यालय के बच्चों ने नवरात्र के पावन अवसर पर रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया । नवरात्र का पावन पर्व माँ दुर्गा के नवों रुपों की आराधना का पर्व है।नौ दिनों तक सभी भक्तों द्वारा माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों में उनकी पूजा की जाती है और उनके दिव्य आराधना के माध्यम से शक्ति की प्राप्ति का अवसर प्राप्त होता है। नवरात्रि के पावन अवसर पर विद्यालय में कार्यक्रम का आरंभ विद्यालय के प्राचार्य के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात समृद्धि सिंह एवं आकांक्षा कुमारी ने माँ दुर्गा स्तुति की भक्तिमय प्रस्तुति दी। अंतरा मुखर्जी ने बंगला में एकल सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया जिसे सभी लोगों ने बहुत सराहा। नव्या और उसके साथियों के द्वारा प्रस्तुत ‘माया दुर्गा ‘ के नृत्य ने समां बाँध दिया। फिर छोटी बच्चियों द्वारा माँ दुर्गा के नौ रूपों में एक सुंदर व मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया । वर्तिका शुक्ला के द्वारा एक अंग्रेजी भाषण के बाद नन्हें-मुन्ने बच्चों ने रामायण के एक प्रमुख भाग को नृत्य -नाटिका के रूप में प्रस्तुत कर सबको सम्मोहित कर दिया।कार्यक्रम के अंत में देश के विभिन्न स्थानों की सभ्यता – संस्कृति को दर्शाते हुए नवरात्रि के विभिन्न रूपों को नृत्य के माध्यम से दर्शाया गया जिसमें सर्वप्रथम धुनीचि नृत्य संगम उसके समूह के द्वारा प्रस्तुत किया गया ,फिर गरबा शांभवी और उसके समूह के द्वारा तथा रागिनी और उसके समूह की मराठी नृत्य की प्रस्तुति ने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम का मंच संचालन मधिका श्री ने किया। कक्षा एलकेजी से दूसरी तक के बच्चों के बीच दशहरा उत्सव पर क्राफ्ट मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें बच्चों ने सुंदर-सुंदर क्राफ्ट बनाया –
एलकेजी – स्टिक पपेट
यूकेजी- फिंगर पपेट्स
कक्षा एक- रावण का पुतला निर्माण किया तथा कक्षा दो- रामायण के विभिन्न पात्रों के लिए कठपुतलियाँ बनाई ।


मौके पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि बच्चों के कार्यक्रम बहुत ही मनमोहक थे। नवरात्रि में माँ दुर्गा के नव स्वरूपों का अलग-अलग दिन पूजा करने का विधान है तथा माँ दुर्गा के रूपों के माध्यम से नारी सम्मान को दर्शाया जाता है ।
धार्मिक दृष्टि से नवरात्र का अपना अलग ही महत्त्व है । ऐसे कार्यक्रम के माध्यम से बच्चे धार्मिक व पौराणिक कथाओं को जान पाते हैं तथा अपनी परम्परा से जुड़ पाते हैं। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। साथ ही प्राचार्य ने बच्चों को यह भी बताया कि श्लोक उच्चारण से अंग्रेजी के उच्चारण भी अच्छे होते हैं।
अंत में विद्यालय के शिक्षक कुमार सतीश सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय की शिक्षिका संगीता जेठवा , रिया शर्मा, लक्की पाठक, नितिका सिंह तथा श्वेता सिंह का योगदान महत्त्वपूर्ण रहा ।