दुमका (शहर परिक्रमा)

दुमका: राज्यवासियों के सुख समृद्धि के लिए की गई मारंग बुरू से प्रार्थना

दुमका: दिशोम मांझी थान प्रांगण में रविवार को दिशोम मांझी बाबा विशाल मरांडी और नायकी बाबा सीताराम सोरेन के नेतृत्व में राज्यवासियों के सुख समृद्धि के लिए मरांग बुरु से प्रार्थनाएं की गई।
पूजा अर्चना के पश्चात् साप्ताहिक बैठक हुई जिसमें “संथाल समाज दिशोम मांझी परगना” के धार्मिक व सामाजिक जागरूकता संगठन के सदस्यों ने बारी-बारी से समकालीन धार्मिक व संस्कृति स्थिति पर बिंदुवार चर्चा करते हुवे समाज को कैसे सशक्त बनाया जाय, इन तमाम बिंदुओं पर बारीकी से चर्चा की गई। इतना ही नहीं “संथाल समाज दिशोम मांझी परगना” नामक पुस्तकों का भी विमोचन किया गया।
साथ ही साथ संताल समाज का सबसे बड़ा पर्व सोहराय पर्व को सर्वसम्मति से 5 जनवरी, 2024 को मनाने का निर्णय लिया गया।
गौरतलब है कि सोहराय पर्व संताल आदिवासी समाज का बड़ा पर्व है जिसे हाथी के साथ तुलना किया गया है। यह पर्व मूल रूप से सोहराय चांदो (कार्तिक मास) में मनाया जाता है लेकिन संताल परगना प्रमंडल में संताल विद्रोह के समय मार्शल लॉ के कारण पुश चांदो (पुश मास) में फसल को समेटने के बाद मनाया जाता है। यह पर्व मूलतः पशु प्रधान पर्व है, जिसमें पशुओं का पूजा किया जाता है। सोहराय पर्व प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी से शुरू होकर 13 जनवरी तक पूरे धूमधाम के साथ पांच दिनों तक मनाया जाने वाला पर्व है।
मौके पर संथाली साहित्यकार चुंडा सोरेन सिपाही, सुरेश चंद्र सोरेन, टेकलाल मरांडी, निलेश हांसदा, प्रेम हांसदा, बीनीलाल टुडू, लकी संतोष टुडू, लवकिशोर टुडू, राम-लक्ष्मण हांसदा, सुशील मरांडी, चंद्रुनाथ, चुन्नू, मोहन टुडू आदि मौजूद थे।

रिपोर्ट- आलोक रंजन Alok Ranjan