दुमका (शहर परिक्रमा)

दुमका: भ्रष्टाचार का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव विषय पर आयोजित सेमिनार संपन्न

दुमका: सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका के स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग में ‘अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निषेध दिवस’ के अवसर पर विभागाध्यक्ष सह मेंटल हेल्थ मिशन इंडिया के नोडल ऑफिसर डॉ विनोद कुमार शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को “भ्रष्टाचार का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव ” विषय पर विभागीय सेमिनार आयोजित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ विनोद कुमार शर्मा ने कहा कि समाज में नैतिकता का पतन व गिरते सामाजिक मानकों का परिणाम हैं। भ्रष्टाचार भ्रष्ट आचरणों का प्रतिफल हैं। ये मनोविकारी इड की अभिलाषा हैं। यह गलत तरीके से धन अर्जन करने की पाश्विक प्रवृत्तियां हैं जो मानवता से दूर स्वार्थी बनाता हैं। उमसें नैसर्गिक इच्छाओं की पूर्ति को प्रेरित करता हैं। यह मनोग्रस्त रोग हैं। एक दोषपूर्ण व्यवहारिक अनुशरण हैं जहाँ हीनता के क्षतिपूर्ति में शॉर्ट कट कमाई की सोचते हैं। साइबर क्राइम, लूट, दलाली, छीनतई आदि से लेकर अपहरण आदि को अंजाम देते हैं। यह भ्रष्टाचार की देन है कि समाज में न केवल कुव्यवस्था व आर्थिक विषमता का वातावरण निर्मित होता हैं व समाज विरोधी भावना जागृत होता हैं बल्कि इसके दुष्प्रभाव से समाज में अपराध भावना भी बबलती हैं। लोगों में इस बात की चिंता घर करती हैं कि बिना घूस दिये न तो कोई काम समय पर बनेगा और न बच्चों को अच्छी शिक्षा व नौकरी मिलेगा। युवा तब आत्महत्या करने को मजबूर होते हैं जब धन लोलुप मानसिकता के हाथों उसकी योग्यता की कद्र नही होती हैं। दुर्भाग्य है भ्रष्टाचार से अछूते स्कूल, देवालय तक नही हैं। घपले, घोटाले, धोखाधरी, काला बाजारी, कमीशन खोरी, आदि भ्रष्ट व्यवहार से शोषण, विफलता, आदि का शिकार होते है बल्कि टिकाऊ भविष्य की संकल्पना पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता हैं।
डॉ शर्मा ने बच्चों में चरित्र निर्माण के साथ- साथ नैतिक आचरणों को विकसित करने की बात दोहराई तो वही लोगो को दूसरों की भावनाओं को केंद्र में रख देश हित में व्यवहार करने को कहा।
मौके पर विद्यार्थियों ने कहा कि हर योजना के पीछे भ्रष्टाचार होता हैं जिसका परिणाम है सड़क, पुल, डोभा सब बेकार साबित होते हैं।

रिपोर्ट- आलोक रंजन Alok Ranjan